English मोबाइल
साइन इन साइन अप करें
हिंदी-अंग्रेजीh > विजातीय पदार्थ" उदाहरण वाक्य

विजातीय पदार्थ उदाहरण वाक्य

उदाहरण वाक्य
31.गद का अर्थ रोग तथा विष होता है अर्थात् कोई भी विजातीय पदार्थ जो शरीर के बाह्य या आभ्यांतरिक संपर्क में आने पर शरीर को हानि पहुँचाता है उसे गद या विष कहते हैं।

32.गद का अर्थ रोग तथा विष होता है अर्थात् कोई भी विजातीय पदार्थ जो शरीर के बाह्य या आभ्यांतरिक संपर्क में आने पर शरीर को हानि पहुँचाता है उसे गद या विष कहते हैं।

33.हो, भीतर मिट्टी या किसी अन्य विजातीय पदार्थ का कण हो, पीछे बताए गए कोणों से दुगुने कोण हों, जला हुआ-सा प्रतीत हो, मैला लगे, कान्तिहीन (त्रस्त) व जर्जर लगे तो वह अशुभ होता है।

34.हल्दी रक्त के दोष दूर करती है | यह कार्य एन्जईम्स के माध्यम से संपन्न होता है | हल्दी नैसर्गिक तौर पर ऐसे एन्जाईम्स का उत्पादन बढाती है जिससे लीवर के विजातीय पदार्थ शरीर से बाहर निकालने में मदद मिलती है |

35.यह प्रयत्न तब तक चलता हे जब तक वह विजातीय पदार्थ बाहर नहीं कर दिया जाता, यदि गले में चिकनाहट हे तब उसके साथ थोडा थोडा लगातार फेका जाता रहता हे परचिकनाहट नहीं हे तो इस प्रयत्न में सूखी खाँसी आती रहती हे।

36.असंतुलित और अनियमित खान-पान से, दूषित पानी उपयोग करने से,खाली पेट चाय पीने से, अधिक ठंडे पदार्थों के सेवन करने से,अखाद्य और विजातीय पदार्थ भक्छण करने से,पाचन क्रिया ठीक न होने से,लिवर की प्रक्रिया में व्यवधान आने से प्राय: अतिसार रोग की उत्पत्ति होती है।

37.ग्रंथियों से रसायन समुचित मात्रा में निकलते हैं, विजातीय पदार्थ हटा दिए जाते हैं, तेज प्रवाह बैक्टीरिया को रास नहीं आता, पर्याप्त भोजन प्राणवायु मिलने से कोशिकाओं की रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ जाती है, बोन मेरो में नए रक्त का निर्माण बढ़ जाता है।

38.आजीवन दवा खानी पड़े तो वह इलाज कैसा? इन दवाओं से दबाए गए रोग बाद में और अधिक उग्र होकर एक या अनेक रोगों के रूप में प्रकट होते एलोपैथिक दवाओं के सभी साल्ट (अपवाद एक भी नहीं) चय-अपचय प्रक्रिया को हानि पहुंचाने के अलावा भीतर एक विजातीय पदार्थ के रूप में जमा होते जाते हैं।

39.वास्तव में प्राकृतिक चिकित्सा जीवन जीने की एक कला है जिसके अनेक सन्दर्भ वेदों एवं प्राचीन ग्रन्थों में मिलते है विजातीय पदार्थ का सिद्धांत, जीवन शक्ति की अवधारणा तथा अन्य अवधारणाऐ जिन पर प्राकृतिक चिकित्सा आधारित है पुराने ग्रन्थो में पहले से ही मोजूद है तथा इस बात का प्रमाण है की ये तरीके प्राचीन भारत में विस्तृत रूप से प्रयोग में लाये जाते थे |

40.हमारे शरीर के अंदर के हानिकारक पदार्थ जैसे-मल-मूत्र, पसीना, कफ, दूषित सांस, दूषित रक्त अथवा इसी प्रकार की कोई अन्य विषैली वस्तु जो स्वस्थ रक्त और मांस के साथ मिलकर स्वस्थ शरीर का भाग नहीं बन सकती है, उनको पोषण नहीं दे सकती है और उल्टे विनाश का कारण बन जाती है उसी को दोष या विजातीय पदार्थ कहते हैं।

  अधिक वाक्य:   1  2  3  4  5
अंग्रेज़ी→नहीं। नहीं।→अंग्रेज़ी