| 31. | [71] वितण्डा कथा में प्रतिवादी वादी के मत का खण्डन करता है और अपने मत का स्थापन नहीं करता है।
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| 32. | नवयुवकों में आपस की होड़ के कारण बहुत वितण्डा तथा कलह भी हो जाती थी, जो भयंकर रूप धारण कर लेती ।
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| 33. | जल्प और वितण्डा में अन्तर यह है कि जल्प करने वाला अपना पक्ष स्थापन करते हुए प्रतिपक्ष का खंडन करने का प्रयास करता है।
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| 34. | हिग्स बोसोन को लेकर जो वितण्डा खड़ा किया गया है, वह उनकी पुरानी अदा है जो पूरी दुनिया में कुख्यात रही है.
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| 35. | जल्प और वितण्डा में अन्तर यह है कि जल्प करने वाला अपना पक्ष स्थापन करते हुए प्रतिपक्ष का खंडन करने का प्रयास करता है।
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| 36. | इन विद्याओं में उत्तर की अपेक्षा पूर्व-२ (पहले आने वाले) श्रेष्ठ हैं अर्थात वितण्डा से श्रेष्ट जल्प है और सर्वश्रेष्ट वाद है।
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| 37. | गीता में भगवान श्रीकृष्ण ने भी कहा है-' वाद: प्रवदतामहम् ' [72] समय-समय पर जल्प एवं वितण्डा भी करनी पड़ती है।
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| 38. | गौतम ने न्यायसूत्र में संधायसंभाषा का ही उल्लेख ' वाद' नाम से किया तथा जिसे चरक ने विगृह्यसंभाषा कहा, उसी का वर्गीकरण जल्प और वितण्डा में किया।
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| 39. | जल्प और वितण्डा के अंग रूप में वादीनियम, प्रतिवादी नियम सभापति नियम, मध्यस्थ नियम तथा सदस्य नियम आदि का निर्देश प्राचीन आचार्यों ने किया है।
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| 40. | गौतम ने न्यायसूत्र में संधायसंभाषा का ही उल्लेख ' वाद ' नाम से किया तथा जिसे चरक ने विगृह्यसंभाषा कहा, उसी का वर्गीकरण जल्प और वितण्डा में किया।
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