निवेशकों ग्राहक या किसी अन् य व् यक्ति से विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक के कार्यकलापों को प्रभावित करने वाले विषय के संबंध में प्राप् त शिकायतों का निरीक्षण या उनकी जांच करने के लिए ;
32.
दोहरे कराधान करार तभी ऐसे उद्यम व्यापार पर भारत में एक स्थायी स्थापना के माध्यम से वहन एक विदेशी उद्यम की आय में चुंगी का कारोबार करने के लिए ठेका राज्यों के अधिकार क्षेत्र सीमित.
33.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक) विनियमन 2000 में विदेश उद्यम पूंजी निवेशकों के पंजीकरण के लिए व्यापक रूपरेखा दी गई है ताकि उन्हें भारत में व्यापार करते रहने की अनुमति दी जा सके।
34.
बोर्ड स्व-प्रेरणा से या सूचना या शिकायत प्राप्त करने पर इनमें से किसी कारणों से जिस अधिकारी को बोर्ड उपयुक्त समझे उस अधिकारी द्वारा विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक के आचरण और कार्यों निरीक्षण या जांच करा सकता है, अर्थात्:-
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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक) विनियमन 2000 में विदेश उद्यम पूंजी निवेशकों के पंजीकरण के लिए व् यापक रूपरेखा दी गई है ताकि उन् हें भारत में व् यापार करते रहने की अनुमति दी जा सके।
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बोर्ड स् व-प्रेरणा से या सूचना या शिकायत प्राप् त करने पर इनमें से किसी कारणों से जिस अधिकारी को बोर्ड उपयुक् त समझे उस अधिकारी द्वारा विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक के आचरण और कार्यों निरीक्षण या जांच करा सकता है, अर्थात्:-
37.
सूत्रों के अनुसार नियामक वैसे तो सभी तरह के निवेश को लेकर चिंतित हैं, लेकिन उनकी सबसे बड़ी चिंता उन पांच विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों को लेकर है, जो मॉरीशस के रास्ते भारत में पैसा लगा रहे हैं और उनमें अधिकतर के पते एक ही हैं।
38.
रिपोर्ट पर विचार करने के बाद और विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक को सुनवाई का समुचित अवसर प्रदान करने के बाद बोर्ड को ऐसे उपाय करने या निदेशन जारी करने की आवश्यकता है जो पूंजी बाजार के हितों और निवेशकों के हितों के लिए उपयुक्त समझा जाए, निदेशन की प्रकृति में निम्नलिखित शामिल हैं:-
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विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक यह सुनिश् चित करेगा कि अभिरक्षक निम् नलिखित के लिए कदम उठाएगा:-(i) भारत में विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों के निवेश की निगरानी ; (ii) बोर्ड को समय-समय पर रिपोर्ट प्रस् तुत ; करना और (iii) बोर्ड द्वारा मांगी जाने वाली सूचना देना।
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विदेशी उद्यम पूंजी निवेशक यह सुनिश् चित करेगा कि अभिरक्षक निम् नलिखित के लिए कदम उठाएगा:-(i) भारत में विदेशी उद्यम पूंजी निवेशकों के निवेश की निगरानी ; (ii) बोर्ड को समय-समय पर रिपोर्ट प्रस् तुत ; करना और (iii) बोर्ड द्वारा मांगी जाने वाली सूचना देना।