विधि संबंधी विभिन्न व्याख्याओं के कारण इस संबंध में भी मतभेद है कि किस व्यक्ति को विधिकार माना जाए और किसको नहीं।
32.
हजरत मूसा यहूदी विधि के मुख्य विधिकार हैं लेकिन जितनी बातें उनके नाम से चलती हैं वे सब उन्हीं की लिखी नहीं हैं।
33.
भारत में मुसलमानी शासनकाल में अनेक सुलतानों और बादशाहों ने विधिनिर्माण का प्रयास भले ही किया हो लेकिन उन्हें विधिकार नहीं माना जाता।
34.
मिस्र में मैनेस (Manes), रामुस द्वितीय (Ramus II), बोकोरिस (Bocchoris) फराऔह को जिन्हें पितृदेव माना गया है, उन्हें ही विधिकार भी माना गया है।
35.
जूडा ला नसी (Juda La nisi) द्वितीय शतब्दी मैगोनिडेस (Maimonides, 1135-1204) और जोसेफ कारो (Joseph Karo, 1488-1575) अपने समय के प्रमुख विधिकार माने जाते हैं।
36.
नेपोलियन संसार का मुख्य विधिकार माना जाता है क्योंकि फ्रांस में नेपोलियन ने जिस विधिसंहिता की रचना करवाई उसका प्रभाव संसार के विधिविकास पर पड़ा है।
37.
आधुनिक शोधों से मिले परिणामों के अनुसार सभी विधिकार अपनी समसामयिक परंपराओं, न्यायाधीशों की व्यवस्थाओं और मान्य अधिनियमों को ही विधियों का रूप प्रदान करते रहे हैं।
38.
लगश के सुमेरियाई नरेश “उरुकगीना” (Urukagina) (अनुमानत: ई. 2750 ई. पू.), वेबीलोन के शासक नबूनायद (Nabunaid, अनुमानत: 556-539 ई. पू.) अपने समय के महत्वपूर्ण विधिकार माने जाते हैं।
39.
इस श्रेणी में जस्टीनियन के कार्पस जूरिस (Corpus juris), नेपोलियन की संहिता (Code Napoleon) को कानून या विधि माना जाता था और उनके निर्माता विधिकार माने जाते हैं।
40.
ड्राको (Draco) को उसके अपने समय में केवल एक विशेष न्यायाधीश माना जाता था लेकिन उसकी व्यवस्थाओं ने बाद में विधि का रूप ले लिया और उसे विधिकार माना जाने लगा।