इन विमान संचालन समवायों को ऐसे विमानों की आवश्यकता थी जिनसे छोटे नगरों में विमान सेवाएँ आरंभ की जा सकें क्योंकि इन नगरों में विमान पट्टीयां अपेक्षाकृत छोटी होतीं थी और यात्रियों की संख्या भी बहुत अधिक नहीं थी, जिससे बड़े आकार के ७ ० ७ विमानों की सेवाएं प्रदान करना लाभप्रद नहीं था, जो उस समय तक बोइंग द्वारा निर्मित एक मात्र विमान प्रतिमान था।