तदनुसार विवाद्यक संख्या-2 आदेष याची श्रीमती बबली की याचिका को प्रत्यर्थी श्री रॉक्या के विरूद्ध सव्यय स्वीकार किया जाता है एवं विवाह विच्छेद की डिक्री द्वारा याची एवं प्रत्यर्थी के मध्य हुये विवाह का विघटन किया जाता है तथा प्रत्यर्थी को आदेषित किया जाता है कि प्रत्यर्थी याची को उसका नथ व मॉग टीका वापस करे अथवा नथ व मॉग टीका के सापेक्ष धनराषि और रूपये 10, 000/(रूपये दस हजार) मात्र याची को उसके स्थायी निर्वाह भत्ते के लिये याची को अदा करे।