· संसद में इस दलाली के मामले में विस्तृत बहस न होने पाये, इसकी भी पूरी तैयारी कर ली गयी है-आज से बजट सत्र शुरु हो रहा है-देख ही लीजियेगा....
32.
समेत दूसरी जगहों में भी मैंने पाया कि यह साक्षात्कार असल में एक विस्तृत बहस की मांग करता है लेकिन बहस के बजाय उसे चूं-चूं का मुरब्बा बनाने की हास्यास्पद कोशिश हो रही है.
33.
अधिवेशनों के समय जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव पर विस्तृत बहस की जाती है, बहस के उपरान्त संकल्प स्वीकृत होने की दशा में महापौर द्वारा प्रस्ताव के क्रियान्वयन हेतु प्रस्ताव नगर आयुक्त को भेजा जाता है।
34.
अभियोजन की ओर से विद्वान जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) तथा अभियुक्तगण की ओर से उनके विद्वान अधिवक्ता की विस्तृत बहस को सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अत्यन्त साबधानी पूर्वक अध्ययन किया गया।
35.
साक्षात्कार का सामूहिक पाठ किया गया और उस पर विस्तृत बहस के बाद गोष्ठी में उपस्थित सभी रचनाकारों ने अभद्र भाषा में की गई टिप्पणी पर विरोध जताते हुए प्रेस कांफ्रेंस में संवेदना की भागीदारी की सहमति जतायी।
36.
इसमें कोई दो राय नहीं कि यह एक गंभीर मसला है और इस पर संसद में एक विस्तृत बहस होनी चाहिए, ताकि सीबीआई जैसी संस्था की विश्वसनीयता बरकरार रहे और इसकी जांच-प्रक्रिया राजनीतिक रूप से प्रभावित न हों.
37.
बहुत भयावह टिप्पणियां हैं. www.raviwar.com समेत दूसरी जगहों में भी मैंने पाया कि यह साक्षात्कार असल में एक विस्तृत बहस की मांग करता है लेकिन बहस के बजाय उसे चूं-चूं का मुरब्बा बनाने की हास्यास्पद कोशिश हो रही है.
38.
काफी विस्तृत बहस के बाद समिति ने फैसला किया किया स्विच हिट खेल का वैध हिस्सा रहेगा लेकिन उसने एमसीसी से आग्रह किया कि वह खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के साथ विस्तत विचार विमर्श के बाद इस मुददे पर आगे के निर्देश दे।
39.
(पृष्ठ-26) स्तम्भों तथा दीवार आदि पर अनेक पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर विस्तृत बहस के निष्कर्ष के रूप में प्रो 0 मंडल का यह कथन महत्वपूर्ण है-‘‘ साक्ष्यों के आलोक में यहाँ मंदिर की परिकल्पना निश्चित रूप से निराधार प्रमाणित होती है।
40.
यह मेरी आशा है, मैं बहुत आशावादी हूं।“” शुक्ला ने कहा, “”पिछले कुछ सत्रों को ध्यान में रखते हुए यह वाकई में एक बहुत ही महत्वपूर्ण काम है।“” विपक्ष द्वारा संसद में व्यवधान पैदा किए जाने के मुद्दे पर शुक्ला ने कहा कि किसी भी मुद्दे पर संसद में विस्तृत बहस व चर्चा अवश्य होनी चाहिए।