अब ट्रिपल डॉट डॉट डॉट के स्थान पर कॉंमा का प्रयोग करूं अथवा विस्मयबोधक का चलिए, अपनी एक ग़ज़ल के चंद अश्'आर आपकी नज़्र करके मुआमला रफ़ा-दफ़ा करते हैं … किसे पाना मुनासिब है, किसे बेहतर गंवाना है इधर महफ़ूज़ है ऐ दिल, इधर सारा ज़माना है म्मतलब … इधर महबूब है ऐ दिल, इधर सारा ज़माना है मुझे उसने क़बूला, मैं उसे तस्लीम करता हूं ये क़ाज़ी कौन होता है ;
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और आपके दिए हुए संस्करण में आपने केवल तीन पंक्तियाँ लिखी हैं-” कल की बात है, ढेर सारा रिक्त स्थान, ‘ तुम एक्टिंग कर रहे हो ', एक नई पंक्ति में “ ये थी कल की बात! “ ये क्या है? बीच में ढेर सारे रिक्त स्थान और बहुत सारे अर्धविराम, पूर्णविराम, प्रश्नवाचक चिह्न, विस्मयबोधक चिह्न-इसका क्या औचित्य है श्रीमान? कृपया जल्दी जवाब दें, इस रविवार को मुझे इसके अलावा भी बहुतेरे काम ख़तम करने हैं. ” मिस हया बड़ी पढ़ी लिखी महिला हैं.