इस के बाद सर्वाधिक 20 वर्ष की दशा शुक्र की लगती है Wed, 11 Jun 2008 10:28:29 GMT http://hindi.webdunia.com/religion/astrology/nakshatra/0806/11/1080611065_1.htm रोहिणी चंद्रमा की सुंदर पत्नी http://hindi.webdunia.com/religion/astrology/nakshatra/0806/02/1080602041_1.htm रोहिणी नक्षत्र को वृष राशि का मस्तक कहा गया है।
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पिछले पेज मे मैने मेष राशि का वर्णन अन्य राशियों के साथ वैवाहिक सम्बन्ध के लिये प्रस्तुत किया था इस पेज में मैं आपको वृष राशि का वैवाहिक सम्बन्ध अन्य राशियों से करने और उनसे मिलने वाले फ़लों के लिये बताऊँगा।
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जन्मकुंडली के अनुसार-जिनकी कुंडली में सप्तम स्थान में वृष राशि का चंद्र हो और लाभ स्थान में कन्या राशि का शनि हो, ऐसे व्यक्ति की पत्नी को भारी आकस्मिक धन-लाभ होता है, जब उनकी आयु 37 से 43 वर्ष के मध्य हो।
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मिथुन राशि में पहला नवांश तुला राशि का, दूसरा वृश्चिक राशि का, तीसरा धनु राशि का, चौथा मकर राशि का, पांचवां कुम्भ राशि का, छठा मीन राशि का, सातवां मेष राशि का, आठवां वृष राशि का और नवम मिथुन का नवमांश होता है।
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भाग्येश चंद्र लग्न में नीच राशि में नीच भंग करके बैठा है, क्योंकि चंद्र वृषभ राशि में उच्च होता है और वृष राशि का स्वामी शुक्र लग्नेश मंगल के साथ चतुर्थ केंद्र में है और शुक्र एवं शनि का परिवर्तन योग है।
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जन्मकुंडली के अनुसार-जिनकी कुंडली में सप्तम स्थान में वृष राशि का चंद्र हो और लाभ स्थान में कन्या राशि का शनि हो, ऐसे व्यक्ति की पत्नी को भारी आकस्मिक धन-लाभ होता है, जब उनकी आयु 37 से 43 वर्ष के मध्य हो।
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दूसरे भाव के गुरु की तीसरी द्रिष्टि मकान और रहने वाले साधनों पर पडती है यह वृष राशि का प्रभाव गुरु को दोहरे धन और धन के द्वारा बनायी जाने वाली सम्पत्ति से तथा घर आदि केरहने के स्थान के परिवर्तन से भी माना जाता है।
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इस हफ्ते तुला और वृष राशि का स्वामी शुक्र अपनी नीच राशि कन्या में पहुंच रहा है। सितारों की स्थिति बताती है कि, इस हफ्ते तुला राशि वालों को अधिक परिश्रम करना होगा। कन्या राशि वाले कामयाबी की ओर बढ़ेंगे। अन्य राशियों के लिए सितारे कहते हैंः
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शुक्र वृष राशि का स्वामी होता है. आपकी कुण्डली के दशम भाव में वृष राशि है तो आपको संगीत, सौन्दर्य प्रशाधन, मीडिया में रोजगार की तलाश करनी चाहिए.आपके लिए बैंक की नौकरी, विज्ञापन का कार्य, इलैक्ट्रॉनिक्स का काम लाभप्रद होता है.वाणिज्य के क्षेत्र में भी आपको सफलता मिलती है.
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मिथुन राशि में पहला नवांश तुला राशि का, दूसरा वृश्चिक राशि का, तीसरा धनु राशि का, चौथा मकर राशि का, पांचवां कुम्भ राशि का, छठा मीन राशि का, सातवां मेष राशि का, आठवां वृष राशि का और नवम मिथुन का नवमांश होता है।