नव उदारवाद के रास्ते पर कुलांचे भरते हुए भारतीय अर्थ-व्यवस्था ने आर्थिक वृद्धि दर की जो कल्पना की थी वह आज अपने अंतिम अंजाम से मीलों दूर पहले भारतीय पूंजीवादी राजनीतिज्ञों को आगाह कर रही है कि मात्र व्याज दरों में कमी वेशी करने, विदेशी निवेश बढाने, जन-कल्याणकारी मदों से सरकारी इमदाद में कमी करने और वित्तीय पूंजीगत लाभों को राष्ट्र विकाश का माडल भर मान लेने से अर्थ व्यवस्था को सुरखाव के पंख नहीं लगने वाले हैं.
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छद्म वेशी तुर्कों ने धोखे से गुरुगोविन्द सिंह की हत्या करायी, बन्दा को पंजाब पहुचने में लगभग एक वर्ष लग गया सभी शिक्खो में यह प्रचार हो गया की गुरु जी ने बन्दा को उनका जत्थेदार यानी सेनानायक बनाकर भेजा है देखते-देखते सेना गठित हो गयी और रावी से यमुना क़े बीच क़ा सारा भूभाग जीत कर गुरु नानकदेव व गुरु गोविन्द सिंह क़े नाम क़ा सिक्का जारी किया वे सरहिंद क़े वजीर खा से बदला लेना चाहते थे जिसने जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह को जिन्दा दीवाल में चुनवा दिया था.
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छद्म वेशी तुर्कों ने धोखे से गुरुगोविन्द सिंह की हत्या करायी, बन्दा को पंजाब पहुचने में लगभग एक वर्ष लग गया सभी शिक्खो में यह प्रचार हो गया की गुरु जी ने बन्दा को उनका जत्थेदार यानी सेनानायक बनाकर भेजा है देखते-देखते सेना गठित हो गयी और रावी से यमुना क़े बीच क़ा सारा भूभाग जीत कर गुरु नानकदेव व गुरु गोविन्द सिंह क़े नाम क़ा सिक्का जारी किया वे सरहिंद क़े वजीर खा से बदला लेना चाहते थे जिसने जोरावर सिंह और फ़तेह सिंह को जिन्दा दीवाल में चुनवा दिया था.