क्या अभियुक्त भीमसिंह ने लोक सेवक की हैसियत से सह अभियुक्त सोहनलाल से मिलकर परिवादी दुर्गाराम से उसके रायल्टी के ठेके की आडिट रिकवरी पेरा समाप्त करने की एवज में रिश्वत की मांग कर वैध पारिश्रमिक से भिन्न हेतु या ईनाम के रूप में रिश्वत राशि प्राप्त करने के लिये दिनांक 8-2-2002 को अपराधिक षडयन्त्र रचा व इसकी क्रियान्विति में उक्त दिनांक को 5000 /-रूपये रिश्वत के बतौर प्राप्त कर अपराधिक दुराचरण किया।
32.
इस न्यायालय के समक्ष निर्धारण हेतु प्रश्न यह है कि क्या प्रकरण के अभियुक्त हुकमसिंह ने हल्का पटवारी पावली एवं अतिरिक्त प्रभार हलका पटवारी दोरड़ा (तहसील भीनमाल) के लोक सेवक के पद पर रहते हुये अभियोगी छैलसिंह से उसके भाई देवीसिंह के खेत का म्यूटशन भरवाने के एवज में हेतु या इनाम के रूप में वैध पारिश्रमिक से भिन्न 2000/-रूपये रिश्वत की मांग कर दिनांक 11-10-2002 को यह राशि प्राप्त कर आपराधिक अवचार किया?
33.
उपर्युक्त चारों रसीदों के सम्बन्ध में अनुसन्धानकर्ता फाऊलाल ने अभियुक्त द्वारा दिए स्पष्टीकरण की आड़ में कोई अनुसन्धान ही नहीं किया है और अभियुक्त चन्दाराम ने टेªप के दौरान यह स्पष्टीकरण दे दिया कि उसने विवादित राशि जून माह की बकाया रसीदों पेटे प्राप्त की है, इस कारण उसके द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण युक्तियुक्त, संभाव्य एवं सत्य होने से यह नहीं कहा जा सकता कि इसके द्वारा प्राप्त धनराशि वैध पारिश्रमिक से भिन्न कोई अवैध परितोषण हो।
34.
" आया अभियुक्त रूपाराम ने दिनांक 28-9-2005 को पुलिस थाना बागोडा में मुख्य आरक्षी के पद पर रहते हुये परिवादी अणदाराम से आपराधिक प्रकरण संख्या 22/2006-7-राज्य विरूद्ध रूपाराम उसके भाई जबराराम एवं साला भावाराम के विरूद्ध दर्ज अभियोग सं65/2005 से उन्हें निकलवाने के लिये हेतु या इनाम के रूप में वैध पारिश्रमिक से भिन्न चार हजार रूपये रिश्वत राशि की मांग की और दिनांक 30-9-2005 को इस प्रयोजनार्थ एक-एक हजार रूपये रिश्वत राशि प्राप्त कर आपराधिक दुराचरण किया?
35.
इस न्यायालय के समक्ष निर्धारण हेतु प्रश्न यह हैं कि क्या प्रकरण के अभियुक्त बाबूसिंह ने हलका पटवारी कालेरी के लोक सेवक के पद पर रहते हुये अभियोगी जवानाराम एवं मोहबताराम से उनके खेत का म्यूटेशन भरने एवं खसरा संख्या 465 एवं 468 की जमाबन्दी की नकले देने की एवज में हेतु या इनाम के रूप में वैध पारिश्रमिक से भिन्न 1500 /-रूपये परितोषण की मांग कर दिनांक 21.4.2002 को उनसे यह राशि भ्रष्ट एवं अवैध तरीका से प्राप्त कर आपराधिक अवचार किया?
36.
उपर्युक्त विवेचन के आधार पर मेरी राय में, पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य से यह सिद्ध है कि अभियुक्त ने परिवादी के परिवारजन के सदस्यों के आई चोटों का चोट प्रतिवेदन तैयार करने की एवज में परिवादी से रिश्वत राशि की मांग की तथा दिनांक 26.7.2003 को अभियुक्त ने परिवादी से वैध पारिश्रमिक से भिन्न सात सौ रूपये की पाउडरयुक्त राशि प्राप्त की जो राशि टेªप कार्यवाही के दौरान अभियुक्त के मकान में रखी सेन्टर टेबल पर पडे रजिस्टर के नीचे से बरामद हुई।
37.
माननीय उच्चतम न्यायालय ने तो चतुरदास भगवानदास पटेल विरूद्ध गुजरात राज्य-ए. आई. आर. 1976 एस. सी. 1497 वाले मामला में अपने ही विभिन्न पूर्व निर्णयों के आधार पर यहां तक कह दिया कि यदि कोई लोक सेवक कोई शासकीय कार्य करने में सक्षम नहीं होने के बावजूद ऐसा कार्य अपने स्तर पर करवाने का भरोसा किसी व्यक्ति को दिलाकर उससे वैध पारिश्रमिक से भिन्न धनराशि प्राप्त करता है तो वह अधिनियम की धारा 7 और 13 (2) के अधीन आपराधिक कृत्य करता है।
38.
" आया अभियुक्त मोहनलाल ग्रामसेवक, ग्राम पंचायत, केशरपुरा ने व सहअभियक्त सीतादेवी सरपंच ग्राम पंचायत, केशरपुरा ने आपराधिक षडयन्त्र रचकर दिनांक 9-11-2000 को लोकसेवक के पद पर रहते हुये परिवादी ओमप्रकाश मेवाड़ा के व्यवसायिक भूखण्ड की एन ओ सी देने की एवज में दस हजार रूपये रिश्वत राशि अभियुक्ता सीतादेवी सरपंच, केशरपुरा के लिये एवं अभियुक्ता सीतादेवी ने भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से वैध पारिश्रमिक से भिन्न हेतु या इनाम के रूप में उत्कोचस्वरूप अभियुक्त मोहनलाल, ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव, ग्राम पंचायत, केशरपुरा के मारफत प्राप्त कर दोनों अभियुक्तगण ने आपराधिक अवचार किया।
39.
" आया अभियुक्त कालुराम ने दिनांक 5-5-05 से 9-5-2005 की अवधि में लोकसेवक के रूप में पुलिस थाना सांडराव की कस्बा चौकी में प्रभारी के पद पर तैनात रहते हुये सह-अभियुक्त कैलाशशंकर के साथ आपराधिक षडयन्त्र रचकर परिवादी दीपाराम व उसके अन्य साथियों के विरूद्ध पुलिस थाना, साण्डेराव में दर्ज व अनुसन्धानाधीन अभियोग सख्या 65/2005 में उसका पक्ष करने व मुकदमा कमजोर करने के लिये 5000/-रूपये रिश्वत राशि की मांग कर दि0 9-5-2005 को 4500/-रूपये सह अभियुक्त कैलाशशंकर के मारफत वैध पारिश्रमिक से भिन्न बतौर रिश्वत मांग कर प्राप्त कर आपराधिक दुराचरण किया।
40.
उक्त विवेचन से अभियुक्तगण अभियुक्त मोहनलाल ग्रामसेवक, ग्राम पंचायत, केशरपुरा ने दिनांक 9-11-2000 को लोकसेवक के पद पर रहते हुये परिवादी ओमप्रकाश मेवाड़ा के व्यवसायिक भूखण्ड की एन ओ सी देने की एवज में दस हजार रूपये रिश्वत राशि अभियुक्ता सीतादेवी सरपंच, केशरपुरा के लिये एवं अभियुक्ता सीतादेवी ने भ्रष्ट एवं अवैध तरीके से वैध पारिश्रमिक से भिन्न हेतु या इनाम के रूप में उत्कोचस्वरूप अभियुक्त मोहनलाल, ग्रामसेवक एवं पदेन सचिव, ग्राम पंचायत, केशरपुरा के मारफत प्राप्त करना अभियोजन की ओर से प्रस्तुत की गई साक्ष्य से सन्देह से परे साबित नहीं हुआ है।