मुझे यहाँ यह भी बता देना चाहिए कि स्त्रियों और बच्चों को लड़ाई में अपना हिस्सा लेने का आह्वान करके गाँधीजी ने अपनी अद्भुत व्यवहार-कुशलता का परिचय दिया है इन वर्गों की शक्ति स्वाभाविक रूप में ही जागृत हो उठी और उन्होंने ऐसा काम किया कि उसकी पूरी कीमत लगाने के लिए अभी अधिक समय बीतने की जरूरत है।
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मुझे यहाँ यह भी बता देना चाहिए कि स्त्रियों और बच्चों को लड़ाई में अपना हिस्सा लेने का आह्वान करके गाँधीजी ने अपनी अद्भुत व्यवहार-कुशलता का परिचय दिया है इन वर्गों की शक्ति स्वाभाविक रूप में ही जागृत हो उठी और उन्होंने ऐसा काम किया कि उसकी पूरी कीमत लगाने के लिए अभी अधिक समय बीतने की जरूरत है।
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(कृतिकानक्षत्र ज्ञानार्जन, पशुपालन, रोग, अनासक्ति, अशांत और तार्किकता इत्यादि गुण-प्रधान बताया गया है तो उत्तराषाढ़ा चित्रकला, सफ़ाई, यश-कीर्ति, प्रज्ञा, पुष्टता, गर्वीलापन, दृढ़ता और निपुणता जैसे विषयोंका प्रधान बताया गया है लेकिन उत्तराफाल्गुनी तेज-स्मरणशक्ति, कला-कुशलता, व्यवहार-कुशलता, एकांतप्रेमी, माता-पिता के सुख से वंचित जैसे गुणों की प्रधानता वाला बताया गया मिलता है।
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दसवीं कक्षा का किशोर नेता विपिन का चरित्र-निरूपण अध्यापकों ने इस तरह किया है-वह ऐसा व्यक्ति है, जिसमें असाधारण संगठनात्मक क्षमता है, वह पहलकदमी प्रदर्शित करता है, उसमें प्रेक्षण की शक्ति, प्रवीणता (proficiency), व्यवहार-कुशलता, कड़ी अपेक्षाओं से जुड़ी साथीपन की भावना तथा अन्य लोगों की चिंता, उत्तरदायित्व की अनुभूति, वैयक्तिक आकर्षण, लोगों की दिलचस्पी, उनके चरित्रों, रुचियों तथा संभावनाओं का सही-सही मूल्यांकन करने की क्षमता है।
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व्यवहार-कुशलता का अर्थ है परस्पर व्यवहार में अपने से अधिक दूसरों को महत्व देना, दूसरों की उपेक्षा न करना, दूसरों का ध्यान रखना, दूसरों का सत्कार करना, दूसरों के विचार, इच्छाओं, भावों एवं रुचियों का सत्कार करना, दूसरों की बात धैर्यपूर्वक सुनना, दूसरे के दृष्टिकोण को समझना, दूसरों पर अपने विचार बरबस न लादना, व्यर्थ संघर्ष मोल न लेना, व्यर्थ कटुता न फैलाना, दूसरों से सहयोग लेना, दूसरों को सहयोग देना तथा सामाजिक जीवन में पवित्रता एवं मधुरता उत्पन्न करना।