शल्यक्रिया द्वारा ग्रंथि को निकाल दिए जाने पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पडता क्योंकि प्रोस्टेट के अलावा सेमाइनल वेसिकल्स भी इस कार्य को करती है।
32.
शल्यक्रिया द्वारा रोगी को बेहोश करने के बाद उदर खोला जाता है तथा वहाँ रुकावट का जो कारण मिलता है, उसे दूर किया जाता है।
33.
शिवसंकल्पमस्तु॥ मन कोई एक ऐसा पुर्जा नहीं जो शरीर के दूसरे अंगों की तरह काढ़कर अलग कर दिया जाये या शल्यक्रिया द्वारा बदल दिया जाये।
34.
(2) बहुत कम शुक्राणु-यदि पुरूष में बहुत ही कम शुक्राणु उत्पन्न होते हों तो उसका समाधान शल्यक्रिया द्वारा किया जा सकता है।
35.
मस्तिष्कार्बुद का पक्का निदान केवल मस्तिष्क के जीवोतिपरीक्षण या शल्यक्रिया द्वारा प्राप्त अर्बुद ऊतक के नमूने की ऊतकवैज्ञानिक परीक्षा से ही निश्चित किया जा सकता है.
36.
मस्तिष्कार्बुद का पक्का निदान केवल मस्तिष्क के जीवोतिपरीक्षण या शल्यक्रिया द्वारा प्राप्त अर्बुद ऊतक के नमूने की ऊतकवैज्ञानिक परीक्षा से ही निश्चित किया जा सकता है.
37.
वर्तमान में, नेत्ररोग विशेषज्ञों द्वारा किए जाने वाले मोतियाबिंद के शल्यक्रिया द्वारा निष्कर्षण के दो मुख्य प्रकार हैं, लेन्स पायसीकरण (फेको) और पारंपरिक बहिर्सम्पुटीय मोतियाबिंद निष्कर्षण (ईसीसीई (
38.
प्राथमिक मस्तिष्क अर्बुदों में जीवित रहने की दर अर्बुद के प्रकार, उम्र, रोगी की क्रियात्मक दशा, शल्यक्रिया द्वारा अर्बुद को निकालने का दायरा आदि कारकों पर निर्भर करती है.
39.
प्राथमिक मस्तिष्क अर्बुदों में जीवित रहने की दर अर्बुद के प्रकार, उम्र, रोगी की क्रियात्मक दशा, शल्यक्रिया द्वारा अर्बुद को निकालने का दायरा आदि कारकों पर निर्भर करती है.[11]
40.
लगभग एक वर्ष पश्चात्, सन् 2005 की 14 सितंबर को कैलिफोर्निया के सैंटा मोनिका में, एक नियत शल्यक्रिया द्वारा प्रसव के माध्यम से उसने अपनी प्रथम संतान, शॉन प्रेस्टन फेडरलिन को जन्म दिया.