यह मौसम शीत ऋतु का होता है, जिसमें तिल और गुड़ से बने लड्डू शरीर को गर्मी प्रदान करते हैं।
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अभी शीत ऋतु का गमन तथा वसंत ऋतु का आगमन हुआ है इसलिए आपसे हम वसंत ऋतुचर्या का ज्ञान साझा कर रहे हैं.
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शीत ऋतु में हवाएं उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती हैं, जिसे शीत ऋतु का मानसून कहा जाता है, जबकि ग्रीष्म ऋतु में इसके विपरीत बहती हैं।
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कार्तिक मास, जो कि वर्षा और शीत ऋतु का संधिस्थल है, उसमें पित्त का कोप और कफ का संचय होता है और मही(मट्ठा) से शरीर में कफ बढता है, इसलिए त्याज्य है.
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कार्तिक मास, जो कि वर्षा और शीत ऋतु का संधिस्थल है, उसमें पित्त का कोप और कफ का संचय होता है और मही(मट्ठा) से शरीर में कफ बढता है, इसलिए त्याज्य है.
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मकर संक्रांति के बाद भी कुछ दिनों तक शीत ऋतु का प्रभाव बना रहता है इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति के मौके पर शीत से बचाव करने वाली चीजों का दान करना श्रेष्ठ होता है।
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मकर संक्रांति के बाद भी कुछ दिनों तक शीत ऋतु का प्रभाव बना रहता है इसलिए शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति के मौके पर शीत से बचाव करने वाली चीजों का दान करना श्रेष्ठ होता है।
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बढिया बढिया कपडों को निकाल कर बाहर किया जाता और मजेदार बात ये होती थी कि गर्मी की विदाई और शीत ऋतु का आगमन हो रहा होता था इसलिए गर्मी सर्दी के कपडों का कंबीनेशन कमाल का फ़्यूजन बनाता था ।