राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता श्री सूर्यनारायण राव जी ने हैदराबाद में २ ०० १ में इसकी स्थापना की | यहॉं नेत्रहीनों के लिए आवश्यक सुविधाओं से परिपूर्ण एक ऑडिओ (श्राव्य) ग्रंथालय है | छात्रावास और सेवाभारती के कार्यालय में नेत्रहीनों को आवश्यक वैद्यकीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाती है | करीब २ ५ ० अंध छात्र इसका लाभ लेते है |
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उनके माध्यम से पाठकों की मुलाक़ात पार्टी के अन्य सदस्यों से होती है, जिनमें नेता एड्स सुजैन, जो सरकारी कंप्यूटर तंत्र फेट के साथ समझौताबद्ध हैं, ; डॉमिनिक स्टोन, फिंच के पार्टनर, डेरेक ऑलमोंड,खुफिया पुलिस “द फिंगर” के प्रमुख,कोनरैड हेयर, दृश्यमान चौकसी शाखा “द आई”, के प्रमुख,ब्रायन ईथरब्रिज श्राव्य चौकसी शाखा,“द ईयर”, के प्रमुख, तथा तथा “द माउथ”के शाखा-प्रभारी रोज़र डैस्कौम्ब,प्रसारण प्रचार के प्रभारी भी शामिल है.
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उनके माध्यम से पाठकों की मुलाक़ात पार्टी के अन्य सदस्यों से होती है, जिनमें नेता एड्स सुजैन, जो सरकारी कंप्यूटर तंत्र फेट के साथ समझौताबद्ध हैं, ; डॉमिनिक स्टोन, फिंच के पार्टनर, डेरेक ऑलमोंड,खुफिया पुलिस “द फिंगर” के प्रमुख,कोनरैड हेयर, दृश्यमान चौकसी शाखा “द आई”, के प्रमुख,ब्रायन ईथरब्रिज श्राव्य चौकसी शाखा,“द ईयर”, के प्रमुख, तथा तथा “द माउथ”के शाखा-प्रभारी रोज़र डैस्कौम्ब,प्रसारण प्रचार के प्रभारी भी शामिल है.
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ए बुलबुल ए बुलबुल ए बुलबुल आम्र मंजरियों के झीने पीले उठे उरोजों पर तुझे फुदकता देखकर मैं अपनी अभिव्यक्ति की सतहों के नीचे दब गया हूँ चमकीले काले परों में छिपा तेरा रक्ताभि लाल पार्श्व न जाने कैसा अरुण फल सौन्दर्यमयी पा लेने की चेष्टा से टूक टूक अचेतन रहस्य बन गया है और तेरी ध्वनि अनुबन्ध ने श्राव्य स्वर मय संगीत बन मधुरिमा से रतिक्रीड़ा कर, सुनहले तानों का मायावी जाल रच मुझे सम्मोहित कर अपने वश में कर लिया है ए बुल बुल।