इस काकलक के ऊपर वाले सिरे से दोनों ओर श्लेष्मिक कला की दो-दो परते निकलकर कलामय चाप (membranous arch) बनाती हुई नीचे की तरफ जाती है।
32.
हर होंठ अपनी बीच वाली रेखा में श्लेष्मिक कला की एक परत द्वारा मसूढ़ों से जुड़ा होता है जिसे ओष्ठीय लघुबंध (labial frenulum) कहा जाता है।
33.
यह मध्यरेखा में खुले भाग (जिसे नाक कहते हैं) के नीचे अपनी श्लेष्मिक कला की एक परत द्वारा (जिसे जिह्वा लघुबंध कहते हैं) मुख के तल से जुड़ी हुई रहती है।
34.
श्लेष्मिक कला (mucous membrane)-श्लेष्मिक कला (mucous membrane) आहार नली (मुंह से लेकर मलाशय तक), श्वसनीय पथ एवं जनन-मूत्रीय पथों में उनके अस्तर के रूप में पायी जाती है।
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श्लेष्मिक कला (mucous membrane)-श्लेष्मिक कला (mucous membrane) आहार नली (मुंह से लेकर मलाशय तक), श्वसनीय पथ एवं जनन-मूत्रीय पथों में उनके अस्तर के रूप में पायी जाती है।
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यह तो सर्वविदित है कि तीव्र अम्ल किसी भी प्रकार के मांस को गला सकता है, स्वस्थ मानव के शरीर में आमाशय कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न पाचक रस और अम्ल से श्लेष्मिक कला की रक्षा करता है।
37.
इस रोग में विशेष विकृति यह होती है कि आमाशय में श्लेष्मिक कला से श्लेष्मा का अधिक मात्रा में स्राव होने लगता है, जो आमाशय में एकत्र होकर समय समय पर वमन के रूप में निकला करता है।
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इस रोग में विशेष विकृति यह होती है कि आमाशय में श्लेष्मिक कला से श्लेष्मा का अधिक मात्रा में स्राव होने लगता है, जो आमाशय में एकत्र होकर समय समय पर वमन के रूप में निकला करता है।
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किसी कारण से इनकी न्यूनता होने से श्लेष्मिक कला की प्रतिरोध शक्ति घटने तथा रक्त संचार के पर्याप्त न रहने से उन स्थानों की श्लेष्मिक कोशिकाओं का पाचन संभव हो पाता है, जिससे वहां घाव बन जाते हैं।
40.
आंवला अपने विशेष रसायन से आमाशय की श्लेष्मिक कला पर म्यूसिन और एल्यूमिन को मिला कर एक परत सी बना देता है, जिससे श्लेष्मिक कला का कोमल भाग जठर रस और अम्ल के प्रभाव से बचने लग जाता है।