शकील, साहिर और डाक्टर सफदर “ आह ” के अलावा नरेन्द्र जी भी इस प्रोग्राम के लिये राजी हो गये-नरेन्द्र जी के एक अनूठे गीत की धुन अनिल बिस्वास ने बनाई थी, जिसे लता मँगेशकर ने गाया था-“ युग की सँध्या कृषक वधू-सी, किसका पँथ निहार रही ”
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क्टर सफ्दर “ आह ” के अलावा नरेन्द्र जी के एक अनूठे गीत की धुन अनिल बिस्वास ने बनाई थी, जिसे लता मँगेशकर ने गाया था-“ युग की सँध्या कृषक वधु सी, किसला पँथ निहार रही ” पहले यह गीत कवि ने स्वयम् ` पढा, फिर उसे गायिका ने गाया.
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उलझी हुई समस्याओँ की बिखरी लटेँ सँवार रहीयुग की सँध्या कृषक वधू सी किस का पँथ निहार रही? जाने कब आयेगा मालिक, मनोभूमि का हलवाहा?कब आयेगा युग प्रभात? जिसको सँध्या ने चाहा?सूनी छाया, पथ पर सँध्या, लोचन तारक बाल रही...उलझी हुई समस्याओँ की बिखरी लटेँ सँवार रहीयुग की सँध्या कृषक वधू सी किस का पँथ निहार रही?[
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उलझी हुई समस्याओँ की बिखरी लटेँ सँवार रहीयुग की सँध्या कृषक वधू सी किस का पँथ निहार रही? जाने कब आयेगा मालिक, मनोभूमि का हलवाहा?कब आयेगा युग प्रभात? जिसको सँध्या ने चाहा?सूनी छाया, पथ पर सँध्या, लोचन तारक बाल रही...उलझी हुई समस्याओँ की बिखरी लटेँ सँवार रहीयुग की सँध्या कृषक वधू सी किस का पँथ निहार रही?[
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उलझी हुई समस्याओँ की बिखरी लटेँ सँवार रहीयुग की सँध्या कृषक वधू सी किस का पँथ निहार रही? जाने कब आयेगा मालिक, मनोभूमि का हलवाहा?कब आयेगा युग प्रभात? जिसको सँध्या ने चाहा?सूनी छाया, पथ पर सँध्या, लोचन तारक बाल रही...उलझी हुई समस्याओँ की बिखरी लटेँ सँवार रहीयुग की सँध्या कृषक वधू सी किस का पँथ निहार रही?[