{मैने बहुत राज्यों की नृत्य शेल्ली देख ली हैं}-आब और क्या देखने को मिलेगा {बाल रंग में}...वैसे तो....... समझ /सीख रही हूं में-नए जोशीले सपने बुनना, नृत्य की अशो व परमराओ की अदृश्य शक्तिओं का स्वरुप विभिन् भाषायें वेश बहुशो की अनगिनत {तिम्तामाते} रंगों से भरी हमारी संकृत विरासत.
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आपने कहा लिपि और भाषा अलग ही होती है तो आज तक यह भाषा क्यों नहीं पढी जा सकी आर्यों को लिखने का ज्ञान नहीं था वे मौखिक रूप से साहित्य याद रखते थे संकृत और सिन्धु भाषा दोनों ही अलग है वेदों में इस बात का जिक्र क्यों नहीं है कि उनकी संस्कृत के अलावा भी कोई दूसरी भाषा थी