अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि रिपोर्टर जगदीष राम ने पट्टी पटवारी गैराड़ को एक लिखित सूचना रिपोर्ट इन कथनों के साथ प्रस्तुत की कि दिनांक 9. 7.2006 को सांय 7.00 बजे नैनीताल से वह और उसका भाई जोगा राम टैक्सी संख्या यू0ए0-04बी-1476 मारूति कार जिसे ग्राम काना का पूरन सिंह पुत्र धन सिंह चलाता है, को बुकिंग पर लेकर नैनीताल से ग्राम मटकन्या अपने घर को गये।
32.
अर्जीदार का संक्षिप्त कथन यह है कि दिनांक 17. 12.1994 को समय 11.30 बजे दिन याची की पत्नी आमिना बेगम टैम्पो नम्बर यू. पी. 70सी-9443 से बैठकर अपने गांव से इलाहाबाद की ओर आ रही थी कि इलाहाबाद-कानपुर जी0टी0रोड अली अहमद के बाग के सामने वाहन संख्या एच. आर. 29बी-6626 का चालक उक्त वाहन को तेजी एवं लापरवाही से चलाकर उक्त टैम्पों में टक्कर मार दिया जिससे आयी चोटो के फलस्वरूप आमिना बेगम की उन्हीं चोटों के कारण मृत्यु हो गयी।
33.
अर्जीदारान का संक्षिप्त कथन यह है कि दिनांक 17. 12.1994 को समय 11.30 बजे दिन याची की पत्नी नजमें नूर टैम्पो नम्बर यू. पी. 70सी-9443 से बैठकर अपने गांव से इलाहाबाद की ओर आ रही थी कि इलाहाबाद-कानपुर जी0टी0रोड अली अहमद के बाग के सामने वाहन संख्या एच. आर. 29बी-6626 का चालक उक्त वाहन को तेजी एवं लापरवाही से चलाकर उक्त टैम्पों में टक्कर मार दिया जिससे आयी चोटो के फलस्वरूप नजमे नूर की उन्हीं चोटों के कारण मृत्यु हो गयी।
34.
अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि श्रीमती मीना काण्डपाल रिपोर्टर के द्वारा दिनांक 29. 10.2001 को एक लिखित सूचना रिपोर्ट प्रदर्ष क-1 नायब तहसीलदार रानीखेत को इन कथनों के साथ दी गई कि दिनांक 28.10.2001 को समय करीब 10.00 बजे प्रातः जब वह अपने पति के साथ चौखुटिया से अपनी सूमो गाड़ी संख्या यू0पी0-01-3411 से रानीखेत की तरफ आ रही थी तो खजान सिंह, जगत सिंह एवं भुवन चन्द्र पाण्डे द्वा राहाट के पास एक मोड़ पर बैठे दिखाई दिये।
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प्रार्थीगण के प्रार्थना पत्र का संक्षिप्त कथन यह है कि वर्ष 1996 में उनकी शादी हुई थी और उनका एक 9 वर्ष का बेटा है तथा उनकी कोई लड़की नहीं है एवं उन्हें ज्ञात हुआ कि राजकीय षिषु बाल गृह में एक अवयस्क बालिका कुमारी सृजा है और इसके पूर्व उन्होने किसी अन्य बच्चे को गोद नहीं लिया है तथा वे कुमारी सृजा की ठीक प्रकार से परवरिष करने के लिये तैयार हैं, लिहाजा उन्हें बच्ची को गोद लिये जाने की अनुमति प्रदान की जाये।
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याचिका के संक्षिप्त कथन है कि, दिनांक-9-9-2007 को जब याची हिमांशु पाण्डे की माता वाहन संख्या यू. ए. 04 ई/4446 में सवार होकर अपने मायके वगजीवाला जा रही थी कि, समय 12.45 बजे स्थान थाला (हुड़मधार) रिपोर्टिंग गपुलिस चौकी कमेड़ीदेवी, जिला बागेश्वर में उक्त वाहन के वाहन चालक द्वारा अपने वाहन को तेजी एवं लापरवाही से चलाते हुए वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें यात्रा कर रहे याची की माता श्रीमती चम्पा देवी एवं कई अन्य यात्रियों की मृत्यु हो गई तथा कई अन्य घायल हो गए।
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अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि रिपोर्टर मदन सिंह ने एक लिखित तहरीर पट्टी पटवारी खेत्र कोटस्यारी को इन कथनों के साथ दी कि उसकी लड़की विमला की षादी माह जुलाई 2003 में गोपाल सिंह पुत्र देव सिंह ग्राम बबलिया के साथ हिन्दू रीति रिवाज के साथ हुई थी और षादी के बाद से ही उसके ससुर एवं उसके पति ने कम दहेज के कारण बार-बार उसकी लड़की को प्रताड़ित किया तथा दहेज में पचास हजार रूपये और अन्य सामान लाने के लिये कहते थे।
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अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन यह है कि दिनांक 55. 2008 को वादी मुकदमा केषर सिंह ने लमगड़ा पुलिस को एक लिखित सूचना रिपोर्ट इस आषय का प्रस्तुत किया कि दिनांक 5.5.2008 से उसकी पुत्री पुष्पा गायब है और उसे शक है कि अभियुक्त मोहन सिंह ही उसे भगा कर ले गया है, जिस पर लमगड़ा पुलिस ने अपराध संख्या 81/2008 पर अभियुक्त मोहन सिंह के विरूद्ध भारतीय दण्ड विधान की धारा 363 एवं 366-ए के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया, जिसकी विवेचना सब इन्सपेक्टर श्याम सिंह रावत ने किया।
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अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन इस प्रकार है कि रिपोर्टर प्रेम सिंह बिश्ट ने दिनांक 6. 2.2006 को एक लिखित रिपोर्ट नायब तहसीलदार, अल्मोड़ा के समक्ष इन कथनों के साथ प्रस्तुत की कि दिनांक 5.2.2006 को ग्राम कुन्यूड़ा पटवारी क्षेत्र चौमू में क्रिकेट खेलते हुये उसके भतीजे गणेष सिंह को मैच के दौरान किसी बात को लेकर बबलू ने गाली गलौज दी और रिपोर्टर के भतीजे द्वारा ऐसा न करने को कहने पर बबलू द्वारा उसके भतीजे के सिर में क्रिकेट के बल्ले से वार कर दिया जिससे उसका भतीजा बेहोष हो गया।
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अभियोजन पक्ष का संक्षिप्त कथन यह है कि वादी मुकदमा नीमा देवी ने पटवारी क्षेत्र तोली को एक लिखित सूचना रिपोर्ट इस आषय का दिया कि दिनांक 25. 4.2007 को प्रातः 8 बजे अभियुक्त किषन सिंह ने उसके घर में घुसकर उसे गाली-गुप्ता देने लगा और उसे बेइज्जत करने का प्रयत्न करने लगा तथा उसे जान से मारने की धमकी दी, जिसके आधार पर पटवारी तोली ने चिक प्रथम सूचना रिपोर्ट तैयार किया और अपराध संख्या 1/2007 पर भारतीय दण्ड विधान की धारा 354/452/504/506 एवं अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3/10 के अन्तर्गत मुकदमा पंजीकृत किया।