प्रत्येक कोशिका समूह संगलित हो कर एक अंतर हृदयी नलिका का निर्माण करती है जो एक पृष्ठीय महा धमनी और एक विटेलोम्बीलिकल शिरा के साथ सतत होती है.
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प्रत्येक कोशिका समूह संगलित हो कर एक अंतर हृदयी नलिका का निर्माण करती है जो एक पृष्ठीय महा धमनी और एक विटेलोम्बीलिकल शिरा के साथ सतत होती है।
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प्रत्येक कोशिका समूह संगलित हो कर एक अंतर हृदयी नलिका का निर्माण करती है जो एक पृष्ठीय महा धमनी और एक विटेलोम्बीलिकल शिरा के साथ सतत होती है।
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क्योंकि भ्रूणीय उतक लगातार वलयित होता रहता है, दो अंतर हृदयी नलिकाएं वक्ष गुहा में खिसक जाती हैं, और एक दुसरे के साथ संगलित होना शुरू कर देती हैं और लगभग २१ दिनों में पूरी तरह से संगलित हो जाती हैं।
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क्योंकि भ्रूणीय उतक लगातार वलयित होता रहता है, दो अंतर हृदयी नलिकाएं वक्ष गुहा में खिसक जाती हैं, और एक दुसरे के साथ संगलित होना शुरू कर देती हैं और लगभग २१ दिनों में पूरी तरह से संगलित हो जाती हैं।
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क्योंकि भ्रूणीय उतक लगातार वलयित होता रहता है, दो अंतर हृदयी नलिकाएं वक्ष गुहा में खिसक जाती हैं, और एक दुसरे के साथ संगलित होना शुरू कर देती हैं और लगभग २१ दिनों में पूरी तरह से संगलित हो जाती हैं.
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क्योंकि भ्रूणीय उतक लगातार वलयित होता रहता है, दो अंतर हृदयी नलिकाएं वक्ष गुहा में खिसक जाती हैं, और एक दुसरे के साथ संगलित होना शुरू कर देती हैं और लगभग २१ दिनों में पूरी तरह से संगलित हो जाती हैं.
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क्योंकि भ्रूणीय उतक लगातार वलयित होता रहता है, दो अंतर हृदयी नलिकाएं वक्ष गुहा में खिसक जाती हैं, और एक दुसरे के साथ संगलित होना शुरू कर देती हैं और लगभग २ १ दिनों में पूरी तरह से संगलित हो जाती हैं।
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क्योंकि भ्रूणीय उतक लगातार वलयित होता रहता है, दो अंतर हृदयी नलिकाएं वक्ष गुहा में खिसक जाती हैं, और एक दुसरे के साथ संगलित होना शुरू कर देती हैं और लगभग २ १ दिनों में पूरी तरह से संगलित हो जाती हैं।
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एचआईवी (HIV) अभिग्राहकों की ओर स्थित इसकी सतह पर ग्लाइकोप्रोटीनों के अधिशोषण के द्वारा मैक्रोफेजों (macrophages) और सीडी4 टी कोशिकाओं (CD4 T cells) में प्रवेश करता है और इसके बाद जीवाण्विक आवरण कोशिका के मेम्ब्रेन के साथ संगलित हो जाता है तथा एचआईवी (HIV) कैप्सिड को कोशिका में छोड़ दिया जाता है.