| 31. | परन्तुयह और कि यदि ऐसी वृद्धि संविदा अथवा प्रश्नगत कार्य के पूरा होने की बढ़ी हुईतारीख के पश्चात प्रवृत हुई है तो ऐसी कोई वृद्धि संदेय नहीं होगी.
|
| 32. | क्या होता है, यदि उधारकर्ता को संदेय कुल देय राशियां (अर्थात् मूलधन + संचित ब्याज) अंतिम परिनिर्धारण के समय संपत्ति के मूल्य से अधिक हो जाती हैं?
|
| 33. | अग्रिम मालभाड़ा के मामले में मालभाड़े को अग्रिम देने वाले व् यक्ति का हानि के मामले में पुन: संदेय ऐसे माल भाड़े तक बीमायोग् य हित है।
|
| 34. | क्या होता है, यदि ऋणदाता को संदेय कुल देय राशियां (अर्थात् मूलधन + संचित ब्याज) अंतिम परिनिर्धारण के समय संपत्ति के मूल्य से अधिक हो जाती हैं?
|
| 35. | दूसरी विधि में, वस्तुओं पर लागू कर की दर को प्रयोज्य करके बिक्री तथा क्रय पर संदेय कर के सकल मूल्य पर कर संग्रहीत तथा प्रभारित किया जाता है।
|
| 36. | मशीनों की सर्विसिंग पर कोई अंशदान संदेय नहीं है यदि यह कार्य सेवा संविदा के बजाए अभियंता को दिया गया हो, मशीनों की सर्विसिंग हेतु सेवा संविदा है |
|
| 37. | दूसरी विधि में, वस्तुओं पर लागू कर की दर को प्रयोज्य करके बिक्री तथा क्रय पर संदेय कर के सकल मूल्य पर कर संग्रहीत तथा प्रभारित किया जाता है।
|
| 38. | राहत किसी दूसरे देश में संदेय कर के लिए क्रेडिट के रूप में हो सकती है अथवा निम्नतर दर पर कर प्रभारित करने के रूप में हो सकती है।
|
| 39. | प्रथम विधि में खरीद पर अदा किए गए कर तथा बिक्री पर संदेय कर (इन्वायस में पृथक रूप से दर्शित) के आधार पर कर को पृथक प्रभारित किया जाता है।
|
| 40. | प्रथम विधि में खरीद पर अदा किए गए कर तथा बिक्री पर संदेय कर (इन्वायस में पृथक रूप से दर्शित) के आधार पर कर को पृथक प्रभारित किया जाता है।
|