विक्षेपात्मक अवकल ज्यमिति में बहुत सी सर्वांगसमताएँ ऐसी हैं जो सार्वीकृत अभिलंब सर्वांगसमताएँ (जेनरैलाइज्ड नॉर्मल कॉनग्रएँसेज़) कहला सकती हैं, क्योंकि सर्वागसमता का निर्धारण तल से होता है और वह तल से संयुग्मी रहती है।
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हाल ही में शुरू की संयुग्मी मेनिंगोकोक्सल टीका, मेनाकटेरा, वर्तमान में 11-54वर्ष आयु वर्ग के व्यक्तियों के लिए मंजूरी दे दी है, लेकिन 2 तक की उम्र तक के बच्चों का अध्ययन किया गया है
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इससे प्रकट होता है कि किसी कण का कोई निर्दशांक और उसके संवेग का तत्संगन संघटक दोनों एक साथ यथार्थतापूर्वक नहीं जाने जा सकते और यदि इन दोनों संयुग्मी राशियों में से एक की अनिश्चितता बहुत कम हो तो दूसरी की बहुत अधिक होती है।
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इससे प्रकट होता है कि किसी कण का कोई निर्दशांक और उसके संवेग का तत्संगन संघटक दोनों एक साथ यथार्थतापूर्वक नहीं जाने जा सकते और यदि इन दोनों संयुग्मी राशियों में से एक की अनिश्चितता बहुत कम हो तो दूसरी की बहुत अधिक होती है।
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मान लीजिए, किसी तल पृ के किसी बिंदु के मध्य से अनंतस्पर्शी वक्र खींचे गए हैं, तो इस बिंदु का स्पर्शी, और उक्त वक्रों पर उस बिंदु पर खींचे गए स्पर्शियों के प्रति उसका हरात्मक संयुग्मी (हार्मोनिक कॉनजुगेट), ये दोनों मिलकर संयुग्मी स्पर्शी कहलाते हैं।
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मान लीजिए, किसी तल पृ के किसी बिंदु के मध्य से अनंतस्पर्शी वक्र खींचे गए हैं, तो इस बिंदु का स्पर्शी, और उक्त वक्रों पर उस बिंदु पर खींचे गए स्पर्शियों के प्रति उसका हरात्मक संयुग्मी (हार्मोनिक कॉनजुगेट), ये दोनों मिलकर संयुग्मी स्पर्शी कहलाते हैं।
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मान लीजिए, किसी तल पृ के किसी बिंदु के मध्य से अनंतस्पर्शी वक्र खींचे गए हैं, तो इस बिंदु का स्पर्शी, और उक्त वक्रों पर उस बिंदु पर खींचे गए स्पर्शियों के प्रति उसका हरात्मक संयुग्मी (हार्मोनिक कॉनजुगेट), ये दोनों मिलकर संयुग्मी स्पर्शी कहलाते हैं।
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मान लीजिए, किसी तल पृ के किसी बिंदु के मध्य से अनंतस्पर्शी वक्र खींचे गए हैं, तो इस बिंदु का स्पर्शी, और उक्त वक्रों पर उस बिंदु पर खींचे गए स्पर्शियों के प्रति उसका हरात्मक संयुग्मी (हार्मोनिक कॉनजुगेट), ये दोनों मिलकर संयुग्मी स्पर्शी कहलाते हैं।