| 31. | अतिरिक्त खण्ड शिक्षा अधिकारी नरेश कुमार रिणवां ने संस्कर्ता के अप्रकाशित साहित्य को सामने लाने की आवश्यकता जताई।
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| 32. | विशिष्टि अतिथि बाल साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला ने कहा कि राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता ही संस्कर्ता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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| 33. | विशिष्टि अतिथि बाल साहित्यकार रामजीलाल घोड़ेला ने कहा कि राजस्थानी को संवैधानिक मान्यता ही संस्कर्ता को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
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| 34. | वरिष्ठ पत्रकार करनीदानसिंह राजपूत ने नानूराम संस्कर्ता के नाम पर राजस्थानी अकादमी से प्रतिवर्ष पुरस्कार शुरू करने की मांग की।
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| 35. | शिवराज संस्कर्ता ने नानूराम की चर्चित कविता ‘क्यूं भूल रैया निज भाषा नै, जो मायड़ राजस्थानी है' का वाचन किया।
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| 36. | वरिष्ठ पत्रकार करनीदानसिंह राजपूत ने नानूराम संस्कर्ता के नाम पर राजस्थानी अकादमी से प्रतिवर्ष पुरस्कार शुरू करने की मांग की।
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| 37. | कथाकार मनोज कुमार स्वामी ने राजस्थानी की संवेधानिक मान्यता को संस्कर्ता का अधूरा सपना बताते हुए उसे पूर्ण करने का आहवान किया।
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| 38. | कथाकार मनोज कुमार स्वामी ने राजस्थानी की संवेधानिक मान्यता को संस्कर्ता का अधूरा सपना बताते हुए उसे पूर्ण करने का आहवान किया।
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| 39. | कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रमेश भोजक समीर ने कहा कि नानूराम संस्कर्ता ने राजस्थानी साहित्य की समृद्धि के लिए यशस्वी कार्य किया।
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| 40. | शिवराज संस्कर्ता ने नानूराम की चर्चित कविता ‘ क्यूं भूल रैया निज भाषा नै, जो मायड़ राजस्थानी है ' का वाचन किया।
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