इसप्रकार ब्राह्मण ही सदैव संस्कृतीकरण के अभिकर्ता नहीं रहे हैं वरन् अन्यजातियों ने भी संस्कृतीकरण के अभिकर्ता के रूप में कार्य किया है.
32.
संस्कृतीकरण कीविशेषताएँ संस्कृतीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:----१--संस्कृतीकरण एकगतिशील प्रक्रिया है--सामान्यतः संस्कृतीकरण के परिणामस्वरूप सम्बद्ध जातिउपर की ओर गतिशील होती है.
33.
संस्कृतीकरण कीविशेषताएँ संस्कृतीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:----१--संस्कृतीकरण एकगतिशील प्रक्रिया है--सामान्यतः संस्कृतीकरण के परिणामस्वरूप सम्बद्ध जातिउपर की ओर गतिशील होती है.
34.
संस्कृतीकरण कीविशेषताएँ संस्कृतीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:----१--संस्कृतीकरण एकगतिशील प्रक्रिया है--सामान्यतः संस्कृतीकरण के परिणामस्वरूप सम्बद्ध जातिउपर की ओर गतिशील होती है.
35.
संस्कृतीकरण कीविशेषताएँ संस्कृतीकरण की निम्नलिखित विशेषताएँ हैं:----१--संस्कृतीकरण एकगतिशील प्रक्रिया है--सामान्यतः संस्कृतीकरण के परिणामस्वरूप सम्बद्ध जातिउपर की ओर गतिशील होती है.
36.
यूँ कहें कि सापेक्षिक आन्तरिक गतिशीलता और कुछ जातियों के ‘ संस्कृतीकरण ' के बावजूद, इस लम्बी अवधि तक जाति-व्यवस्था ही उत्पादन-सम्बन्ध थी।
37.
यहाँ ' संस्कृतीकरण ' के दो अर्थ हो सकते हैं-' संस्कृत भाषा जैसा बनाना ' है या ' परिमार्जन करना ' ।
38.
इस अध्याय में संस्कृतीकरण की अवधारणा पर विचार किया जायेगा. परम्परागत भारतीय सामाजिक संरचना में सांस्कृतिक गतिशीलता की प्रक्रियाके विश्लेषण के सन्दर्भ में सर्वप्रथम प्रो.
39.
संस्कृतिकरण का अर्थ--सामान्यता लोगसंस्कृतीकरण का अर्थ गतिशीलता से लगाते हैं परन्तु गतिशीलता संस्कृतीकरण केअभाव में तथा संस्कृतीकरण गतिशीलता के अभाव में भी सम्भव है.
40.
संस्कृतिकरण का अर्थ--सामान्यता लोगसंस्कृतीकरण का अर्थ गतिशीलता से लगाते हैं परन्तु गतिशीलता संस्कृतीकरण केअभाव में तथा संस्कृतीकरण गतिशीलता के अभाव में भी सम्भव है.