| 31. | कैसे बढ़े विद्यार्थी में सत्वगुण? कैसे बढ़े विद्यार्थी में सत्वगुण?-सान्ध्य महालक्ष्मी भाग्योदय, नई दिल्ली-11.06.2013..
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| 32. | बुद्धि में, सत्वगुण, ओज और शरीर में आरोग्य देनेवाले सूर्यनारायण को नमस्कार करते हैं।
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| 33. | इस समुद्र-मंथन में एक ओर देव अर्थात सत्वगुण है, तो दूसरी ओर असुर अर्थात तमोगुण है।
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| 34. | जब रजोगुण प्रधान, सत्वगुण पर्याप्त एवं तमोगुण न्यून हो, तो उन्हें क्षत्रिय कहा जाता है।
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| 35. | जो परम शांत, सत्वगुण से पूर्ण, समुद्र से भी अधिक गंभीर और क्षमावान था.
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| 36. | श्री महालक्ष्मी जो तमोगुण रूप धारण कर महाकाली भी कहलाईं, सत्वगुण संपन्ना होने पर महासरस्वती हैं।
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| 37. | लेकिन इसके लिए सत्वगुण का आधिक्य होना चाहिए, यानी कि दही ज्यादा होना चाहिए । ”
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| 38. | यदि बालक की प्रकृति में सत्वगुण अध्कि हो तो उनमें स्थित ज्ञान अपने आप जागृत होता है।
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| 39. | रज और तम हट जाने पर और सत्वगुण के बढ़ जाने से तो मोक्ष हो जाता है ।
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| 40. | उन्होंने सम्पूर्ण विश्व को शून्य देखकर तमोगुण से चतुर्भुजी महाकाली और सत्वगुण से महासरस्वती को प्रकट किया.
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