| 31. | * लौंग, सौंफ, छोटी इलायची, जरा-सा खोपरा समभाग लेकर कूट-पीस लें।
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| 32. | रात्रि में सौंठ+कालीमिर्च + पिपली का समभाग चूर्ण 1 चम्मच उष्ण जल में पीना।
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| 33. | तरबूज के बीज की गिरी और सफेद खसखस अलग-अलग पीसकर समभाग मिलाकर रख लें।
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| 34. | स्वप्नदोष: धनिया चूर्ण के समभाग मिश्री मिलाकर एक चम्मच सोते समय लेना लाभप्रद है।
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| 35. | कनेर की जड़ की छाल, नागर मोचा, फिटकरी, गुलाब के फूल समभाग में लेकर मंजन
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| 36. | अजीर्ण:-आक के निथारे हुए पत्र स्वरस में समभाग घृत कुमारी का गुदा व
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| 37. | बलारिष्ट नामक औषधि की 30 मि. ली. खुराक समभाग ताजा जल के साथ सुबह-शाम लेनी चाहिए।
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| 38. | कृमि रोग की चिकित्सा 1-बायबिरंग, नारंगी का सूखा छिलका, चीनी(शक्कर) को समभाग पीसकर रख लें।
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| 39. | * पित्तजन्य रोगोमे धना, सौंफ और आँवला समभाग चूर्ण बनाकर और उसमे उतनी ही मात्रा में
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| 40. | आक के निथारे हुए पत्ते के रस में समभाग घृतकुमारी का गुदा व शक्कर मिलाकर पकायें।
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