एक योगी जब संयम-शक्ति प्राप्त कर लेता है, और वह बल की एच्छा करता है तो हाथी के बल में संयम का प्रयोग करके वह हाथी के समान बल प्राप्त कर सकता है।
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' उचित' बल हमलावर के खिलाफ समान बल के एक स्तर के प्रयोग के लिए अपने आप को हमले के खिलाफ की रक्षा करने का अर्थ है, मृत्यु या स्थायी रूप से चोट के कारण के बिना.
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यक्ष-राजन! जिसमें दस हजार हाथियों के समान बल है, उस भीम को छोड़कर तुम नकुल को क्यों जिलाना चाहते हो? जिसके बाहुबल का सभी पाण्डवों को पूरा भरोसा है, उस अर्जुन को भी छोड़कर तुम्हें नकुल को जिला देने की इच्छा क्यों है?
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सभी पुरुष भी तो समान बल के नही होते! एक बार हमारे class mate से हमारी थोड़ी बहस हुई थी जिस में उसने हमे एक लड़की होने पर कुछ कहा था तो हमने प्रतिउत्तर में कहा था ‘ बलवान, न पुरुष होते है न स्त्री, समय सबसे बलवान होता है ‘
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यह जब प्राप्त हो जाती है तो व्यक्ति हाथी के बल में संयम करने से हाथी के समान बल, सिंह के बल में संयम करने से सिंह के समान, गरुड़ के बल में संयम करने से गरुड़ के समान, वायु के बल में संयम करने से वायु के समान बल प्राप्त कर सकता है।
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यह जब प्राप्त हो जाती है तो व्यक्ति हाथी के बल में संयम करने से हाथी के समान बल, सिंह के बल में संयम करने से सिंह के समान, गरुड़ के बल में संयम करने से गरुड़ के समान, वायु के बल में संयम करने से वायु के समान बल प्राप्त कर सकता है।
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भारतीय भाषाओं के ज्ञात प्रारूपों में सबसे पहले वैदिक भाषा आती है और वैदिक समय के समाज में जब युद्धों का निर्णय समान बल के कारण नहीं हो पाता था तो वाक् युद्ध होते थे और भाषा में लिंग का अज्ञान (संस्कृत वैयाकरणिक प्रतिमानों के परिप्रेक्ष्य में) या अल्प ज्ञान पराजय का कारण होता था.