यकीं न हो तो लोन या किसी अन्य काम के लिए किसी सरकारी बैंक जाइए) २-सार्वजनिक उद्योगों की स्थापना (सरकारी उद्यम सब डूब चुके हैं,. दरअसल उनको डुबाया गया है..
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यह घटना तथा ऐसी अन्य घटनाएं बताती हैं कि हमारी व्यवस्था अभी उस स्तर तक नहीं पहुंच सकी है जहां भरपूर स्वायत्तता के साथ सरकारी उद्यम प्रतिस्पर्धी और जवाबदेह बनकर जरूरी बुनियादी सुविधाएं जुटाने में अहम भूमिका निभा सकें।
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सीएजी की ताजा रिपोर्ट कह रही है कि गुजरात सरकार ने सरकारी उद्यम गुजरात स्टेट पेट्रोलियम कारपोरेशन (जीएसपीसी) के जरिए अडानी समूह को कम कीमत पर गैस बेंचकर कंपनी को 7,126 करोड़ रूपये का फायदा पहुंचा दिया.
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कुछ प्रमुख यूनिकोड हिंदी फोंटो की संक्षिप्त चर्चा से इस बात को स्पष्ट करता हूं-सीडैक द्वारा विकसित फोंट पुणे स्थित सरकारी उद्यम सीडैक ने अनेक यूनिकोड आधारित फोंट जारी किए हैं, जैसे सुरेख, योगेश, भीम, ध्रुव, ऐश्वर्या आदि, आदि।
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इतना तो समझ आता है कि इस पर नियंत्रण स्थापित करने का एक रास्ता यह होगा कि इसके लिए बनने वाले अनुबंधों में निष्पक्षता व समानता हो ताकि यह अब तक का विश्व का सबसे बड़ा सरकारी उद्यम साबित हो सके ।
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हाल में फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने कोल इंडिया लिमिटेड के निजीकरण का मुद्दा उठाकर एक बार फिर इस बहस को जन्म दे दिया कि क्या सरकारी उद्यम काम के लायक नहीं रह गए हैं?
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शहर के जितने भी सरकारी उद्यम हैं उन पर आज मासिक, तिमाही, छ: माही और सालाना लक्ष् यों को प्राप् त करने, लाभ कमाने, खुद को बनाये रखते हुए कार्यवैविध् य लाने का जबरदस् त दबाव है.
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में छागोस अगलेगा कंपनी की संपूर्ण संपत्ति को £600000 में खरीद लिया और उन्हें एक सरकारी उद्यम के रूप में प्रशासित किया जबकि प्रस्तावित सुविधाओं के लिए अमेरिकी आर्थिक सहायता का इंतजार किया, जहां उसका अंतरिम उद्देश्य था नए क्षेत्र के प्रशासनिक व्यय के लिए भुगतान करना.
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अप्रैल 1966 में ब्रिटिश सरकार ने BIOT में छागोस अगलेगा कंपनी की संपूर्ण संपत्ति को £600000 में खरीद लिया और उन्हें एक सरकारी उद्यम के रूप में प्रशासित किया जबकि प्रस्तावित सुविधाओं के लिए अमेरिकी आर्थिक सहायता का इंतजार किया, जहां उसका अंतरिम उद्देश्य था नए क्षेत्र के प्रशासनिक व्यय के लिए भुगतान करना.
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प्रधान रामलखन कुशवाहा ने कहा कि मंत्री महोदय को मजदूरों के दुख-दर्द व परेशानी का अनुभव है क्योंकि उन्होंने अपना जीवन का सफर जाने-माने सरकारी उद्यम केन्द्रिय मुद्राणलय फरीदाबाद से एक श्रमिक के रूप में शुरू किया था और अपने मेहनत-लगन, परिश्रम, सच्चाई और ईमानदारी और सेवा से लोगों का विश्वास व दिल जीतते हुए आज इस पद पर आसीन हुए है।