लोकेन्द्र जी सही बोला, हम ऐसे ही देश में पैदा हुए है जहा यहाँ के मूल निवासियों को ही दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है और बाहरी अक्रमकारी के लिए हमारे प्रधानमंत्री कहते है की संसाधनों पर पहला हक़ मुस्लिमो का है लानत है धिक्कार है.....
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अभी तो मीडिया, बाजार और आदमी की छुद्रता ही नये कर्मकाण्ड रच रहे हैं! आदि से अन्त तक वल्गर!-बिलकुल सही बोला है | देखिये कर्म-काण्ड का अपना एक महत्व है | हमारे मानने ना मानने से कर्म कांड की महत्ता कम नहीं होगी |
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शुक्ला जी क्या आप नही मानते की जस्टिस काटजू ने सही बोला था की 90% भारतीय बेवकूफ होते है........ आप देख ले की अमिताभ ने कितने लोगो को बेवकूफ बनाया है कोई बोल रहा है की उसको अब पब्लिसिटी ना ही चाहिये तो कोई मुझे देशद्रोही बोल रहा है....
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सही बोला जाय तो उस सर्दी के मौसम के वो 2 घण्टे सबसे ज्यादा उष्ण होते थे! इस राह में आगे बढते हुए आज शायद कालेज के उस 100 मी. के रास्ते तक पहुँचने में भी हमको कभी-2 कई महीने और कभी साल भी लग जाते हैं!
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तुमने सही बोला दोस्त पर कुछ बाते हो जाती है इस रीलेशन मे के शक करना पर जाता है, अगर लड़की बोले की बो तुमसे प्यार करती है लकिन उसके घर वाले भी इस बात को जानते हो पर दोस्तो के सामने वो हमेशा तुम्हारी बुराई करे तो शक तो होगा ही ना.......................
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वो जोर-जोर से दोहराए जा रहा था, “ नदी कल कल (कौ ल कौ ल) करके बहती है. ” हमारे सबके कान ' खड़े हो गए '. उसको हम भाई-बहनों ने सबने सही करना चाहा. वो ' क ' और ' ल ' को सही बोला ' कल '...
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राहुल गांधी ने पहली बार तो कुछ सही बोला है लेकिन यहां पर भी राहुल गांधी के इस बयान के पीछे की मंशा पर संदेह हो रहा है क्योंकि राहुल गांधी न तो विपक्ष में हैं और न ही यूपीए के किसी घटक दल के नेता कि जो अपनी ही सरकार के फैसले के खिलाफ आवाज उठाएं।
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सर जी आपने सही बोला के अगर सरकार चाहे तो सबकुछ सही हो सकता है लेकिन उससरकारसे सही और गलत करवाने वाले भी तो होने चाहिए. ओबामा जी के बार बार भारत आने का मैं स्वागत करता हूँ लेकिन खाली इसलिए नहीं के उनके आने से सड़कों की हालत सुधर जायेगी बल्कि इसलिए के वो हिमकोसिखाकरजायेंगे के हमे कैसा होना चाहिए.जय हिंद
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आपनी जान को खतरे में डालकर इनका प्रयोग करना सबसे बड़ी मूर्खता है जिसके कारण हम हर साल एक लाख चौदह हजार लोगों को खो देते है. फिर उसके अलावा महामूर्खाधिपति खिताब का कोई और दावेदार कैसे हो सकता है. 'एकदम सही बोला भाई...प्रिंसिपल साहब ने मोहित को ही महामूर्खाधिपति घोषित किया...और पूरे गाँव में एक सन्देश दिया.पण तू बोल गया...तेरा मौन टूटा और अब में चला...हा!हा!हा!...' और टल्ली बेताल उड़ कर मुर्दाघर के बरगद पर लटक गया.
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आदि से अन्त तक वल्गर!-बिलकुल सही बोला है | देखिये कर्म-काण्ड का अपना एक महत्व है | हमारे मानने ना मानने से कर्म कांड की महत्ता कम नहीं होगी | ये तो हमारे ऊपर है की संस्कृत भाषा या कर्मकांड से हमें फायदा चाहिए या नहीं! यहाँ अमेरिका मैं भी कुछ अमेरिकन (भारतीय नहीं भाई शुद्ध गोरी चमड़ी वाले की बात कर रहा हूँ) से मिला हूँ जो संस्कृत सिख कर आपना ज्ञान बढा रहे हैं, कई मौकों पर हम जैसे भारतीय का ज्ञान इनके (अमेरिकन) संस्कृत या कर्मकांड ज्ञान से कोशों पीछे है |