| 31. | साकिन करने के बाद ज़ेर को ज़्यादा ज़ाहिर किया जाये इसे इख़्तेलास कहते हैं।
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| 32. | साकिन करने के बाद ज़ेर को ज़्यादा ज़ाहिर किया जाये इसे इख़्तेलास कहते हैं।
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| 33. | साकित व साकिन (शान्त) बिशनसिंह हलक से एक फलक शगाफ (आसमान को फाड़ देने
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| 34. | سबाद के हमज़े या साकिन हर्फ़ को सबब कहते हैं और मद् के माअना
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| 35. | ر साकिन हो और उससे पहले हर्फ़ पर ज़ेर हो जैसे लेकिन उसके बाद हुरूफ़े
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| 36. | साकिन करने के बाद पेश की तरह अदा किया जाये उसे इशमाम कहा जाता है।
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| 37. | अगर साकिन नून या तनवीन के बाद हुरुफ़े हल्क़ या हुरूफ़े यरमलून में से कोई
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| 38. | साकिन करने के बाद पेश की तरह अदा किया जाये उसे इशमाम कहा जाता है।
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| 39. | इसके माअना साकिन हर्फ़ को बाद वाले मुतहर्रिक हर्फ़ से मिलाकर एक कर देना और
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| 40. | साकिन नून या तनवीन हो तो इस नून को आहिस्ता अदा किया जायेगा जैसे اِنْ كانَ‘
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