समूचे पेरिस में साधारण वर्ग की जनता की अनियन्त्रित भीड़ जमा हो गई थी जिसे मामूली से उकसाने की जरूरत थी और यह काम किया एक पत्र के सम्पादक ने।
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जहां साधारण वर्ग (जनरल) की कट ऑफ लिस्ट 48 रही, वहीं केटेगरी वर्ग (पिछड़ी जातियाँ) की कट ऑफ लिस्ट 18 रही … कितना अंतर था???
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वह ऐसा समय था जब समाज का साधारण वर्ग सामन्तों तथा पादरियों से तो उपेक्षित था कि मगर उस वक्त देश की भी हालत ऐसी थी कि वह दीवालीयापन के कगार पर था।
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आम साधारण वर्ग अपने आर्थिक कारणों से तो पहले ही शिक्षा से वंचित है साथ ही सरकार की इस प्रकार की नीतियों के परिणामस्वरूप सरकार का उसकी शिक्षा-सम्बन्धी माँगों से भी पीछा छूट जायेगा।
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उसके पक्ष में और उनके बीच रह कर कविताओं की रचना की, अपितु जन-जीवन के विविध रूपों से ओत-प्रोत और साधारण वर्ग में उपस्थित सौंदर्याभिरूचि निश्चित कर सांस्कृतिक राजनीतिकरण करने की ओर कदम बढ़ायें.
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आकाश को छूने वाली महँगाई के कारण अच्छ ऊँचे पद पर काम करने तथा पर्याप्त वेतन पाने वाले लोग भी परिवार का भली-भाँती पालन-पोषण करने में असमर्थ हो रहे हैं, निम्न और साधारण वर्ग की तो बात ही क्या है.
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चूँकि ये चारो क्रान्तिकारी समाज के साधारण वर्ग का प्रतिनिधित्व करते थे और उन्होंने कोई व्यक्तिगत सम्पत्ति या जागीर प्राप्त करने के उद्देश्य से वादि-ए-गुर्बत अर्थात् काँटों भरी राह में कदम नहीं रक्खा था अतः उसका पूरे देश के जन मानस पर असर होना स्वाभाविक ही था और वह असर हुआ भी।
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चूँकि ये चारो क्रान्तिकारी समाज के साधारण वर्ग का प्रतिनिधित्व करते थे और उन्होंने कोई व्यक्तिगत सम्पत्ति या जागीर प्राप्त करने के उद्देश्य से वादि-ए-गुर्बत अर्थात् काँटों भरी राह में कदम नहीं रक्खा था अतः उसका पूरे देश के जन मानस पर असर होना स्वाभाविक ही था और वह असर हुआ भी।
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चूँकि ये चारो क्रान्तिकारी समाज के साधारण वर्ग का प्रतिनिधित्व करते थे और उन्होंने कोई व्यक्तिगत सम्पत्ति या जागीर प्राप्त करने के उद्देश्य से वादि-ए-गुर्बत अर्थात् काँटों भरी राह में कदम नहीं रक्खा था अतः उसका पूरे देश के जन मानस पर असर होना स्वाभाविक ही था और वह असर हुआ भी।
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एक सच्चाई यह भी है कि उच्च शिक्षा विशिष्ट वर्ग के दायरे से निकलकर साधारण वर्ग के दायरे में आ गयी है और साधारण वर्ग में प्रोफेशनलिज् + म का जोर इतना बढ़ा है कि अब लोगों के पास समय ही नहीं बचा है कि वह इस क्षेत्र में जा करके समय गुजार सकें।