एक हाथ में साबुत धनिया, चने की दाल कुछ जल और दक्षिणा का रुपया ले कर पहला सवा किलो आटे का संकल्प कुल देवता अर्थात् नागों के लिए छोड़ा गया।
32.
एक हाथ में साबुत धनिया, चने की दाल कुछ जल और दक्षिणा का रुपया ले कर पहला सवा किलो आटे का संकल्प कुल देवता अर्थात् नागों के लिए छोड़ा गया।
33.
किसी तवे या पैन को गर्म करके उसमें उरद की दाल व चने की दाल डालकर हल्का ब्राउन होने तक भूनिये और फिर उसमें साबुत धनिया, मेथी दाना, जीरा और सरसों डालकर और 2 मिनट भूनिये।
34.
तत्पश्चात् इस थैली में 7 मूंग, 10 ग्राम साबुत धनिया, एक पंचमुखी रूद्राक्ष, एक चांदी का रूपया या 2 सुपारी, 2 हल्दी की गांठ रख कर दाहिने मुख के गणेश जी को शुद्ध घी के मोदक का भोग लगाएं।
35.
रविवार को पान खाकर, सोमवार को आईने में मुंह देखकर, मंगलवार को गुड़, बुधवार को साबुत धनिया, गुरुवार को जीरा, शुक्रवार को दही और शनिवार को काली मिर्च खाकर घर से प्रस्थान करें, अशुभ प्रभावों से रक्षा होगी तथा कार्य सफल होंगे।
36.
लगभग 7 बादाम की गिरी, 7 दाने कालीमिर्च, लगभग 3 ग्राम की मात्रा में सौंफ (गर्मियों के मौसम में सौंफ के स्थान पर सूखा हुआ साबुत धनिया) और 2 छोटी इलायची को लेकर शाम को सोते समय कांच या चीनी के बर्तन में भिगोकर रख दें।
37.
सबसे पहले किसी कढ़ाई में 1 टेबल स्पून घी डालकर गर्म कीजिये और फिर इसमें बारीक पिसा धनिया डालकर सुगंध आने तक अच्छी तरह से भून लीजिये (आप चाहें तो यह पंजीरी पहले साबुत धनिया घी में भूनकर बाद में मिक्सर में बारीक पीस कर भी बना सकते हैं, लेकिन वह पंजीरी ज्यादा स्वादिष्ट नहीं लगती)।
38.
सामग्री 1. करेले –आधा किलो 2. प्याज –चार 3. हरी मिर्च –तीन या चार 4. कच्चा आम –एक (या आमचूर) 5. हल्दी –आधा छोटा चम्मच 6. नमक –स्वादानुसार कलौंजी का मसाला 1. सौंफ –दो चम्मच 2. मेथी दाना-एक छोटा चम्मच 3. कलौंजी –एक छोटा चम्मच 4. सरसों के दाने –एक चाय का चम्मच 5. साबुत धनिया –दो चम्मच