| 31. | इस विद्या के आविष्कारक समुद्र ऋषि थे, अतः इसे सामुद्रिक शास्त्र कहते हैं।
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| 32. | कर पृष्ठ की बनावट, उभार और प्राकर का सामुद्रिक शास्त्र में बहुत महत्व है।
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| 33. | सामुद्रिक शास्त्र में इन गद्दियों को “ पर्वत ” की संज्ञा दी गई है।
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| 34. | सामुद्रिक शास्त्र का की जानकारी: हमारा शरीर ही एक पूर्ण तंत्र विज्ञान है।
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| 35. | सामुद्रिक शास्त्र के अनुशार आंखे साधारणतः दो प्रकार कि होती हैं बडी और छोटी आंख।
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| 36. | सामुद्रिक शास्त्र व शरीर लक्षण विज्ञान के अंतर्गत इस संबंध में विस्तृत जानकारी मिलती है।
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| 37. | सामुद्रिक शास्त्र में हथेलियों पर बनने वाले चिन्हों के बारे में विस्तार से लिखा है।
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| 38. | सामुद्रिक शास्त्र द्वारा फल कथन भविष्य कथन पद्धति में हस्त-रेखा विद्या काफी महत्वपूण्र् ा है।
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| 39. | प्राचीन समय में सामुद्रिक शास्त्र को जातक कुण्डली के साथ ही देखा जाता [...]
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| 40. | ारत, ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र एवं अन्य धर्मग्रंथों के विविध साहित्यों का अध्ययन पठन करते रहे ।
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