दादाजी ने कहा, देखना इस घर की देहरी पर इतने पढ़ने वाले विद्वान होंगे की समाज और दुनिया देखेगी,,,,,,,,,,, सालों बीत गए …… तब का दिन और आज का दिन मेरे उस घर में भी सरस्वती की पूजा आने वाले पीढ़ी ने शुरू की जो सालों से चली आ रही है,,,,, कितने ही विघ्न आये परमेरे मायके से सरस्वती का आसन नहीं उठा.