अर्चना पैन्यूली ने कहा कि किसी संस्था द्वारा किसी लेखक़ कवि या कलाकार को सम्मानित करना उसे एक नवीन ऊर्जा से भर देता है जिससे उसका साहित्य सर्जन थमता नहीं।
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साहित्य सर्जन में जहाँ हर राज्य ने अपना सफल योगदान दिया है वहीं उत्तराखंड़ की सरजमीं से गुमानी पंत, सुमित्रानंदन पंत, शैलेश मटियानी जैसे अनेक साहित्य पुरोधाओं ने भी जन्म लिया।
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समष्टि के धरातल पर पहुंचा सर्जक, विश्वदृष्टा वैश्विक साहित्य सर्जन के पूर्व ‘स्व' की घेरेबन्दी से निकलकर ‘आत्मा' के एकरुप सौंदर्य का प्रतिमान रचता है, परमतत्व के साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरता है ।
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मैंने कहा-‘ विमलजी, आपका साहित्य सर्जन निर्विवाद रूप से दर्शन के उन सारे सूत्रों का विश्लेषणात्मक अध्ययन है जिनके आधार पर आपकी शब्दावली और पुस्तकों का आकलन हो जाता है '.
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उस समय साहित्य सर्जन कोई व्यापार नहीं था और कोपी-राईट का कोई विधान नहीं था अतः प्रत्येक विदेशी कहानी लेखक ने कहानी को नयी छवि में रुपान्तरित किया और अपने देश वासियों को सुनाया।
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साहित्य की तुलना में पत्रकारिता आम आदमी की समस्याओं को अधिक स्फूर्त रूप से समझ सकती है यही कारण था कि प्रेमचंद ने साहित्य सर्जन के साथ ही पत्रकारिता के माध्यम से भी जनजागरण की ज्योति प्रचण्ड की।
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साहित्य सर्जन में सभी प्रकार की लेखन शैलियों जिन में श्रव्य-काव्य (जो मौखिक सुनाये जाते हैं) तथा दृष्य-काव्य जो नाटक आदि की तरह दिखाये जाते हैं का विकास भारत में ही स्वतन्त्र रूप से हुआ था।
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समष्टि के धरातल पर पहुंचा सर्जक, विश्वदृष्टा वैश्विक साहित्य सर्जन के पूर्व ‘ स्व ' की घेरेबन्दी से निकलकर ‘ आत्मा ' के एकरुप सौंदर्य का प्रतिमान रचता है, परमतत्व के साक्षात्कार की प्रक्रिया से गुजरता है ।
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आख़िर आपने साहित्य सर्जन करके जो कमाया था, ये टुच्चा और दुर्गंध भरा पुरस्कार उससे बड़ा कैसे हो गया? “ वो बीड़ी सुलगाता आपका पूर्ववर्ती कवि आपसे पूछ रहा है-तुम्हारी राजनीति क्या है पार्टनर? ”
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वैदिक वाङ्ग्मय के इस पर्यंत साहित्य सर्जन में कुछ-एक हजार साल व्यतित हुए होंगे! अपौरुषेय माने जानेवाले वेदों के बारे में ऐसा कहना ठीक न होगा, पर ज्ञात मानव इतिहास की परिभाषा में ऐसा मान लेने में ज़ादा हानि भी नहीं ।