५ किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट, १. ५ किलोग्राम म्यूरेट फ पोटाश तथा९० किलोग्राम गोबर की सड़ी हुई खाद प्रति पौधे के हिसाब से दो भागों में बाँटकरअप्रैल-मई तथा सितम्बर-अक्टूबर में दें.
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जब पीएसएम को राक फास्फेट के साथ उपयोग किया जाता है तो सिंगल सुपर फास्फेट की तरह फास्फेटिक उर्वरक की लगभग 50 प्रतिशत तक आवश्यकता को कम किया जा सकता है।
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जिसमें से किसानों ने एक लाख 95 हजार 830 मीटरिक टन यूरिया, 62 हजार 414 मीटरिक टन सिंगल सुपर फास्फेट और 31 हजार 728 मीटरिक टन पोटाश का उठाव कर लिया है।
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लेकिन जब पौधों को गढढ़े में रोपते है तो प्रत्येक गढढ़े में ३०-४० ग्राम यूरिया, ८०-१०० ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट व ४०-५० ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश देकर रोपाई करते है।
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यदि ऊसर भूमि में धान की फसल लेनी है तो अन्तिम जुताई के समय प्रति हैक्टर ६०किलोग्राम फास्फोरस सिंगल सुपर फास्फेट के रूप में इस्तेमाल करने धान की अधिकपैदा-~ वार ली जा सकती है.
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नाइट्रोजीनस खादें जैसे कि यूरिया एवं अमोनियम सल्फेट एवं फास्फोरिक खादें जैस कि सिंगल सुपर फास्फेट एवं पोटेशिय खादें जैसे कि पोटाश की अच्छी सब्जियों एवं फलों की फसलों के लिए आवश्यकता होती है।
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दर से गोबर या कम्पोस्ट की सड़ी हुई खाद डालने के साथ साथ प्रति १ / १० हे. मे २५ किग्रा. यूरिया २५ कि.ग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट, २० किग्रा. म्यूरेट ऑफ पोटाश एवं २ किग्रा.
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अमोनिया सल्फेट) ४ ० किग्रा. फास्फोरस (२ ५ ० किग्रा. सिंगल सुपर फास्फेट) तथा ३ ० किग्रा. पोटाश (५ ० किग्रा. म्यूरेट आफ पोटाश) देना चाहिये।
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यदि सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग न किया जाए तों गंधक की उपलब्धता की सुनिश्चित करने के लिए ४ ० कि ० ग्रा ० / हे ० की दर से गंधक का प्रयोग करना चाहियें।
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लेकिन जब पौधों को गड्ढे में रोपते हैं तो प्रत्येक गड्ढे में 30-40 ग्राम यूरिया, 80-100 ग्राम सिंगल सुपर फास्फेट व 40-50 ग्राम म्यूरेट ऑफ पोटास देकर रोपाई करते हैं।