| 31. | 45 दिन के पश्चात सिंचाई करना बंद कर दिया जाता है और जूट के बोरों को हटा दिया जाता है।
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| 32. | देर से पकने वाली प्रजातियों में पाले से बचाव हेतु दिसम्बर या जनवरी माह में सिंचाई करना लाभप्रद रहता है।
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| 33. | इसके जल से फसलों पर प्रतिकूल असर न हो जाये इस वजह से किसानों ने सिंचाई करना बंद कर दिया है।
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| 34. | इसके जल से फसलों पर प्रतिकूल असर न हो जाये इस वजह से किसानों ने सिंचाई करना बंद कर दिया है।
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| 35. | इसी तरह से खेत को समतल करना व छोटी क्यारियों में सिंचाई करना भी पानी की समस्या का कारगर समाधान है।
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| 36. | इस क़ानून के तहत ड्रिप इरिगेशन यानि बूँद-बूँद पानी से सिंचाई और स्प्रिंकलर इरिगेशन यानि फ़वारे से सिंचाई करना ज़रूरी होगा.
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| 37. | सिंचाई की इन्हीं शैलियों में से एक, क़नात की सहायता से सिंचाई करना भी है अर्थात भूमिगत जलस्रोतों से सिंचाई करना।
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| 38. | खरीफ सीजन में बारिश होने से फसल सिंचाई की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन रबी के मौसम में करीब 10 बार सिंचाई करना पड़ेगी।
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| 39. | स्टार अवस्था, फूल खिलते समय एवं बीज भरने की अवस्था में आवश्यक हो तो सिंचाई करना चाहिये, ताकि उत्पादन में कमी न हो।
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| 40. | जाड़े में वर्षा न हो तो फूल आने के समय एक सिंचाई करना चाहिए| दाना भरते समय दूसरी सिंचाई लाभप्रद होती है |
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