अपने कैमरे की मदद से मैं हर सुंदर वस्तु को अपना बना लेता हूं, उस पर स्वामित्व जमा लेता हूं, उसे छोटा रूप दे देता हूं, उसे पालतू बना लेता हूं, और उसे फिर अपनी बैठक की खाली दीवार पर पुनः प्रकट कर देता हूं, अपने चुनिंदा मित्रों या पारिवारिक दर्शकों में इन सुंदर रचनाओं के बारे में एक अत्यंत महत्वपूर्ण तथ्य साबित करने के लिए किः मैं वहां मौजूद था, मैंने इनकी फोटोग्राफी की, और, इसीलिए तो ये हैं।
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वासंती फूलों से झरता तुम्हारा मधुर हास्य जब किसी से प्रेम होता हैं तो हर कहीं वही दिखाई देने लगता हैं, सृष्टि की हर सुंदर वस्तु में उसका ही रूप दीखता हैं,वह अगर साथ न भी हो फ़िर भी वह हमारे साथ हैं,ऐसा ही लगता हैं न! प्रेम संसार की सबसे पवित्र भावना हैं और यह यही प्रेम जब प्रेममय,प्रेमस्वरूप ईश्वर से हो जाए तो! उसके प्रेम-भक्ति में न जाने कितने प्रेमियों ने गीत रचे,काव्य गढे ।