| 31. | कृपा न कर जागरण में, निष्ठुर रहे सुजन ।
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| 32. | इत्यादि सुजन ' हरिश्चन्द्री हिन्दी' के प्रचार और पुष्ट करनेवाले
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| 33. | उस समय सुजन घर में नहीं था।
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| 34. | शोभा देती सुजन को, जिनके गुण हैं श्रेष्ठ ॥
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| 35. | ” विधि वश सुजन कुसंगति परहीं-
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| 36. | ज्याददेर बैठने से पेरो मे सुजन आ सकती है।
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| 37. | पारस परस कुधात सुहाई॥ बिधि बस सुजन कुसंगत परहीं।
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| 38. | आमवात-शरीर के जोड़ों मे दर्द व सुजन (
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| 39. | तू प्रेम क्रिश्चियन में, तू सत्य है सुजन में॥
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| 40. | व्यक्ति तो सुजन ही होता है ||
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