| 31. | सुषिर वस्तुएँ, यथा बोतलों, विद्युत् लट्टुओं, गिलासों इत्यादि का निर्माण हाथ से या यंत्र द्वारा किया जाता है।
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| 32. | सुषिर वस्तुएँ, यथा बोतलों, विद्युत् लट्टुओं, गिलासों इत्यादि का निर्माण हाथ से या यंत्र द्वारा किया जाता है।
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| 33. | शुक्र की पुष्टि करना, अस्थियों के सुषिर भाग की पूरण करना आदि मज्जा के प्रमुख कार्य हैं ।
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| 34. | इस प्रकार मानव ने वीणा से तन्त्रीवाद्यों, डमरू से ताल वाद्यों, बाँसुरी से सुषिर वाद्यों के निर्माण कीप्रेरणा प्राप्त की.
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| 35. | (२) सुषिर वाद्य वह वाद्य है जो मुंह की फूंक या वायु द्वारा बजाये जातेहैं जैसे--बांसुरी, शहनाई, हारमोनियम आदि.
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| 36. | इसका कारण यही है कि चार प्रकार के वाद्यों मेंसे तत् और सुषिर का ही गीत के स्वरांश से सम्बन्ध है.
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| 37. | गौरतलब हैं कि संगीत में भी सात सुर ही होते हैं और ज्यादातर सुषिर वाद्यों में सात छिद्र होते हैं ।
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| 38. | आतोद्य में “घन, अवनद्ध, सुषिर तथा तत्' वाद्यों का प्रयोग ”आश्रावण' तथा “ऊपोहन' नामक शास्रीय क्रियाओं के द्वारा किया जाता है।
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| 39. | हिब्रू में मेस्रोकिता और स्रीका जैसे वाद्य हैं जो सुषिर वाद्यों की श्रेणी में आते हैं और फूंक से बजते हैं।
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| 40. | नीलगिरी की लकडि़यां आमतौर पर डेगरिडू बनाने के काम आती है, यह एक ऑस्ट्रेलियाई एबोरिजिना आदिवासियों का पारंपरिक सुषिर वाद्य है.
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