अवरक्त किरणें (या कहीं-कहीं अधोरक्त भी नाम) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण हैं, जिनकी तरंग दैर्घ्य प्रत्यक्ष प्रकाश से बङा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
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पुनर्संयोजन युग में निर्मित फोटॉनों का विशाल सागर अभी तक मौजूद है और यही हमें ‘पृष्ठभूमि सूक्ष्म तरंग विकिरण ' के रूप में सारे ब्रह्माण्ड में व्याप्त दिखाई देता है।
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अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारॅड एक प्रकार का वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलॅन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
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तदनुसार इनकी तरंग दैर्घ्य 1 मिलिमीटर (सूक्ष्म तरंग पट्टी का उच्चावृत्ति सिरा) एवं 100 माइक्रोमीटर (सुदूर अधोरक्त प्रकाश का तरंग दैर्घ्य सिरा) के बीच होता है ।
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लेकिन इस वर्णक्रम की सबसे सूक्ष्म तरंग भी इन कणो से बड़ी है, इसलिये इलेक्ट्रान या उससे छोटे कणो को किसी भी सूक्ष्मदर्शी से देखना संभव नही है।
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तदनुसार इनकी तरंग दैर्घ्य 1 मिलिमीटर (सूक्ष्म तरंग पट्टी का उच्चावृत्ति सिरा) एवं 100 माइक्रोमीटर (सुदूर अधोरक्त प्रकाश का तरंग दैर्घ्य सिरा) के बीच होता है ।
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कुंजी “को सक्रिय करने” के दबाव के बाद कुंजीपटल पर कई बार, इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूक्ष्म तरंग भट्टी के भोजन के भीतर सूक्ष्म तरंग भट्टी
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कुंजी “को सक्रिय करने” के दबाव के बाद कुंजीपटल पर कई बार, इस पर ध्यान केंद्रित करते हुए सूक्ष्म तरंग भट्टी के भोजन के भीतर सूक्ष्म तरंग भट्टी
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अवरक्त किरणें, अधोरक्त किरणें या इन्फ़्रारॅड एक प्रकार का वह विद्युत चुम्बकीय विकिरण है जिसका तरंग दैर्घ्य (वेवलॅन्थ) प्रत्यक्ष प्रकाश से बड़ा हो एवं सूक्ष्म तरंग से कम हो।
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प्रेक्षणात्मक पक्ष में, अब तक अन्तरिक्ष पृष्ठभूमि अन्वेषक उपग्रह (COBE) तथा दूसरे अन्य सहयोगियों द्वारा ब्रह्माण्डीय सूक्ष्म तरंग पृष्ठभूमि विकिरण में असमानताओं (फ्लक्चुएशन) का मापन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण प्रगति रही है।