शुभ दिनमें नए वस्त्र पहनने का कारण: कुछ विशेष दिन जैसे त्योहारके दिन देवताके तत्त्व पृथ्वीपर प्रक्षेपित होते हैं और वे अधिक क्रियाशील भी रहते हैं | ऐसे दिवसपर नए वस्त्र पहननेसे, वस्त्र देवताके तरंगोंको ग्रहण कर लेते हैं और सात्त्विक हो जाते हैं | फलस्वरूप व्यक्तिका सूक्ष्म देह इन तरंगोंके कारण शुद्ध हो जाते हैं और वे इन्हें ग्रहण भी कर पाते हैं | ऐसे वस्त्रोंको धारण करनेसे सम्पूर्ण वर्ष उन्हें लाभ मिलता है | courtesy: www.hindujagruti.org/hindi
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कमरे में उसे लिटाता हुआ शेखर यह नहीं सोच सका कि मूर्च्छा देवताओं की देन होती है, कि असह्य तनाव से अपनी देन की रक्षा के लिए ही वे विस्मृति के फूल बरसाते हैं, कि उस मन्त्र-सिक्त नींद में प्राणी की सूक्ष्म देह विश्राम पाकर स्फूर्त हो उठती है ; शशि के मुँह पर छींटे देता और एक कापी से पंखा करता हुआ वह कुछ भी सोच नहीं सका, भीतरी घबराहट की लहर सहसा बढ़कर एक उन्मत्त आवेश बन चली...