| 31. | आज हम ख्रीस्तीय विश्वास की घोषणा में वर्णित सृष्टिकर्त्ता ईश्वर पर चिन्तन करें जिन्हें ‘सर्वशक्तिमान पिता ' कहा गया है।
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| 32. | हम एक मानव समुदाय के सदस्य हैं जिसकी शुरुआत एक है क्योंकि ईश्वर ने पूरी मानव जाति के सृष्टिकर्त्ता हैं।
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| 33. | यह कौन फड़कता है? कोई भूत-प्रेत आता है क्या? सृष्टिकर्त्ता का नियम है.... उसी की लीला है यह।
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| 34. | सृष्टिकर्त्ता की प्रभुता सृष्टिकर्त्ता की प्रभुता “ आदि में परमेश् वर ने आकाश और पृथ् वी की सृष्टि की ” ।
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| 35. | सृष्टिकर्त्ता की प्रभुता सृष्टिकर्त्ता की प्रभुता “ आदि में परमेश् वर ने आकाश और पृथ् वी की सृष्टि की ” ।
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| 36. | परब्रह्मस्वरूप जगत के सृष्टिकर्त्ता भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए मूर्च्छित हो जाने के कारण कोई गोप कन्या मुक्त हो गयी।
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| 37. | ‘ ग ' का अर्थ सृष्टिकर्त्ता और वान का अर्थ होता है इन दोनों गुणों को ‘ धारण करने वाला ' ।
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| 38. | यह वृत्ति मूलसूत्रों का तो व्याख्यान करती ही है, सृष्टिकर्त्ता जैसे वादग्रस्त विषयों पर भी अच्छा एवं विशद प्रकाश डालती है।
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| 39. | तुम्हारे शरीररूपी साधन को जो आवश्यकता है वह पूरी करने की व्यवस्था शरीर देने वाले दाता, सृष्टिकर्त्ता ईश्वर ने की है।
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| 40. | ईश्वर का किसी व्यक्ति के साथ कितना ही घनिष्ट संबंध क्यो न हो पर वे सबके पिता है, सबके सृष्टिकर्त्ता है,सबो के पालनहार हैं।
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