बांग्लादेश + भारत + पाकिस्तान = 160 करोड़ से अधिक लोग रहते हैं इन देशों में, और दो-चार अंग्रेजी भक्त देश लेकर यह संख्या 200 करोड़ तक पहुँचा देंगे, तो जब तक ऐसे गुलाम लोग रहेंगे, बड़ा बाजार रहेगा तब तक और जब तक हम अपनी भाषा में काम ही नहीं करते तब तक, अंग्रेजी का यह स्तुति-गान जारी रहेगा।