न्यायिक मजिस्ट्रेट, टिहरी के न्यायालय की स्थानीय सीमा के भीतर न तो आवेदिका रहती है न कारोबार करती है एवं न ही पुनरीक्षणकर्ता निवास करता है न कारोबार करता है और न ही न्यायिक मजिस्ट्रेट, टिहरी की स्थानीय सीमा के अन्तर्गत हेतुक उत्पन्न हुआ है।
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न्यायिक मजिस्ट्रेट, टिहरी के न्यायालय की स्थानीय सीमा के भीतर न तो आवेदिका रहती है न कारोबार करती है एवं न ही पुनरीक्षणकर्ता निवास करता है न कारोबार करता है और न ही न्यायिक मजिस्ट्रेट, टिहरी की स्थानीय सीमा के अन्तर्गत हेतुक उत्पन्न हुआ है।
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(2) के मुख्य निरीक्षक, और जो निरीक्षकों के भीतर इस अधिनियम के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करेगा स्थानीय सीमा घोषित मई अपने आप हो सकता है उसे करने के लिए राज्य सरकार द्वारा आवंटित जैसे स्थानीय सीमाओं के भीतर एक निरीक्षक की शक्तियों का प्रयोग कर सकते हैं.
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अधिनियम, 2005 की धारा 27 के अनुसार प्रथम वर्ग का न्यायिक मजिस्ट्रेट का वह न्यायालय ही कोई संरक्षण आदेष और अन्य आदेष अनुदत्त करने के लिये सक्षम न्यायालय है जिसकी स्थानीय सीमा के भीतर व्यथित व्यक्ति निवास करता है अथवा प्रत्यर्थी निवास या कारोबार करता है या नियोजित है अथवा हेतुक उद्भूत होता है परन्तु धारा 27 मे यह कहीं मना नही है कि ऐसे न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय को अधिनियम, 2005 के अन्तर्गत मामला अन्तरित नही किया जा सकता है यद्यपि अनुदत्त करने के लिये सक्षम है।
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अधिनियम, 2005 की धारा 27 के अनुसार प्रथम वर्ग का न्यायिक मजिस्ट्रेट का वह न्यायालय ही कोई संरक्षण आदेष और अन्य आदेष अनुदत्त करने के लिये सक्षम न्यायालय है जिसकी स्थानीय सीमा के भीतर व्यथित व्यक्ति निवास करता है अथवा कारोबार करता है या नियोजित है अथवा प्रत्यर्थी निवास करती है या कारोबार करती है या नियोजित है अथवा हेतुक उद्भूत होता है अन्य आदेष मे अधिनियम, 2005 की धारा 19 के अन्तर्गत निवास आदेष, धारा 21 के अन्तर्गत अभिरक्षा आदेष एवं धारा 22 के अन्तर्गत प्रतिकर आदेष षामिल है।