जी हाँ! जब भी आप किसी सार्वजनिक प्रसाधन (toilet), स्नान गृह (bathroom), होटल रूम, ड्रेसिंग रूम इत्यादि में जाती हैं तो ये हो सकता है कि जिस आईने के सामने आप कपड़े बदल रही हों उसकी दूसरी ओर से कोई आपको देख रहा हो.
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वास्तु भूमि की पूर्व दिशा में स्नान गृह अग्नि कोण में पाक गृह दक्षिण में शयनघर नैऋत्य में शस्त्रागार, पश्चिम में भोजन गृह वायु कोण में धन धान्यादि रखने का घर उत्तर में देवताओं का घर और ईशान कोण में जल का स्थान रखना चाहिये,और आग्नेय कोण से शुरु करके पहले रसोई,फ़िर दूध घी निकालने का स्थान,फ़िर शौचालय, उसके बाद विद्याभ्यास,फ़िर स्त्री सहसवास अरु औषिधि और श्रंगार सामग्री का,बनाना शुभ कहा गया है।
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वास्तु भूमि की पूर्व दिशा में स्नान गृह अग्नि कोण में पाक गृह दक्षिण में शयनघर नैऋत्य में शस्त्रागार, पश्चिम में भोजन गृह वायु कोण में धन धान्यादि रखने का घर उत्तर में देवताओं का घर और ईशान कोण में जल का स्थान रखना चाहिये, और आग्नेय कोण से शुरु करके पहले रसोई, फ़िर दूध घी निकालने का स्थान, फ़िर शौचालय, उसके बाद विद्याभ्यास, फ़िर स्त्री सहसवास अरु औषिधि और श्रंगार सामग्री का, बनाना शुभ कहा गया है।