| 31. | स्वप्न भी है, स्वप् न का भी अस्तित्व है, स्वप् न एक्सिस्टेंशियल है।
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| 32. | सहसा ही बुरी आदतों को छोड़ा था, इस कारण कभी-कभी स्वप् नदोष हो जाता ।
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| 33. | यह जो हम जाल फैला लेते हैं चित्त का, यही हमारा स्वप् नवत संसार है।
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| 34. | रहस्यभाव के साथ स्वप्, जिज्ञासा, प्रतीक्षा व रति इत्यादि भाव देखने को मिलते हैं।
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| 35. | शेखर के नाटक का अन्तिम दृश्य था स्वाधीन और बाधाहीन भारत-एक स्थूल आकार-प्राप्त स्वप् न...
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| 36. | ही, स्वप् न टूट जाता है, तब पता चलता है कि वह स्वप्न था।
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| 37. | ” न जाने कितने स्वप् न... न जाने कितने ख्वा ब.. कुछ पूरे..
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| 38. | कितनी बड़ी दुनिया का स्वप्न था उनकी आंखों में, कितनी खुली हुई दुनिया का स्वप् न.
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| 39. | स्वप् न का स्वभाव है कि जब होता है, तो प्रतीत होता है कि सत्य है।
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| 40. | कभी आपको स्वप् न में पता चला कि जो मैं देख रहा हूं वह स्वप्न है?
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