| 31. | कथा के केंद्र में चाँदी की हँसुली है, यह केवल चाँदी की हँसुली की कथा नहीं है, यह औरतों के आभूषण-प्रेम की कहानी भी है।
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| 32. | 51 कड़ी के उपन्यास चाँदी की हँसुली की कथा के जीन पक्ष हैं-पहले में गरीब खेतिहर मजदूर गुदरीराम एवं उसकी पत्नी मंगरी है।
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| 33. | उपन् यास चांदी की हँसुली की कथा के तीन पक्ष हैं-पहले में गरीब खेतिहर मजदूर गुदरीराम एवं उसकी पत् नी मंगरी है ।
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| 34. | इस प्रकार हँसुली की हड्डी उठ जाने से दाहिने फेफड़े की ऊपरीछोटी वल्लरी में भी वायु प्रवेश कर जाती है और क्षयसे बचा जा सकता है.
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| 35. | : नंदलाल भारती के उपन् यास चाँदी की हँसुली की समीक्षा: नन्दलाल भारती सामाजिक सरोकारों और अपने लेखकीय दायित्व के प्रति भी वे सचेत हैं।
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| 36. | कथा के केन्द्र में चाँदी की हँसुली है, यह केवल चाँदी की हँसुली की कथा नहीं है, यह औरतों के आभूषण-प्रेम की कहानी भी है।
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| 37. | कथा के केन्द्र में चाँदी की हँसुली है, यह केवल चाँदी की हँसुली की कथा नहीं है, यह औरतों के आभूषण-प्रेम की कहानी भी है।
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| 38. | ॥अमृता प्रीतम॥जिसे बनाया वृद्ध पिता के श्रम जल नेदादी की हँसुली ने माँ की पायल नेउस कच्चे घर की कच्ची दीवारों परमेरी टाई टँगने में कतराती है।
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| 39. | आज जीवन में पहली बार पन्ना को रग्घू पर विश्वास आया, बोली-जब गहना ही बेचना है, तो अपनी मुहर क्यों बेचोगे? मेरी हँसुली ले लेना।
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| 40. | जिसे बनाया वृद्ध पिता के श्रमजल ने दादी की हँसुली ने, माँ की पायल ने उस सच्चे घर की कच्ची दीवारों पर मेरी टाई टँगने से कतराती है।
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