| 31. | जितने ज़्यादा हिमकण आपस में जुड़ते हैं हिमकण का आकार उतना ही बड़ा होता जाता हैं।
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| 32. | जितने ज़्यादा हिमकण आपस में जुड़ते हैं हिमकण का आकार उतना ही बड़ा होता जाता हैं।
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| 33. | जितने ज़्यादा हिमकण आपस में जुड़ते हैं हिमकण का आकार उतना ही बड़ा होता जाता हैं।
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| 34. | जितने ज़्यादा हिमकण आपस में जुड़ते हैं हिमकण का आकार उतना ही बड़ा होता जाता हैं।
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| 35. | अगर हवा का तापमान हिमांक से नीचे न हो तो ये हिमकण गिरते समय पिघल जाते हैं।
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| 36. | जब बादल का तापमान हिमांक से नीचे पहुँच जाता है तब वहाँ नन्हें-नन्हें हिमकण बनने लगते हैं।
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| 37. | तापमान जहां अधिक होता है, वहां यही हिमकण पिघल कर वर्षा की बूंद बन जाते हैं।
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| 38. | यह अद्भुत संयोग है कि एक हिमकण में हमें क्षणभंगुरता और अमरत्व दोनों की झलक मिलती है।
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| 39. | जब बादल का तापमान हिमांक से नीचे पहुँच जाता है तब वहाँ नन्हें-नन्हें हिमकण बनने लगते हैं।
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| 40. | अगर हवा का तापमान हिमांक से नीचे न हो तो ये हिमकण गिरते समय पिघल जाते हैं।
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