इन ऐलकिल या ऐरिल मैग्नीशियम हैलाइड यैगिकों की क्रियाशीलता तथा संश्लेषण क्रियाओं में इनकी उपयोगिता देखते हुए इन्हें ग्रीगनार्ड अभिकर्मक का नाम दिया गया है।
32.
(क) ऐल्किल हैलाइड के शुष्क ईथर में सोडियम या जस्ते से क्रिया करने से, (ख) ऐल्किल हैलाइड को जस्ता-ताँबा या ऐल्यूमिनियम-पारा युग्मक और एथेनॉल (
33.
(क) ऐल्किल हैलाइड के शुष्क ईथर में सोडियम या जस्ते से क्रिया करने से, (ख) ऐल्किल हैलाइड को जस्ता-ताँबा या ऐल्यूमिनियम-पारा युग्मक और एथेनॉल (
34.
के साथ हाइड्रोक्लोराइड, पिक्रिक अम्ल से पिक्रेट, प्लैटिनम तथा गोल्ड क्लोराइड के साथ क्रमश: द्विलवण क्लोरोप्लैटिनेट तथा ऑरिक्लोराइड, ऐल्किल हैलाइड के साथ चतुर्थक लवण (विशेषकर त्रितीयक) बनाते हैं।
35.
ऐल्कली हैलाइड समूह के यौगिकों की वृहद् एकल क्रिस्टल वृद्धि, नाभिकीय कण संसूचकों आदि से संबंधित स्वदेशी तकनीकी जानकारी के विकास के साथ वह जुड़े़ रहे हैं।
36.
ये HCl के साथ हाइड्रोक्लोराइड, पिक्रिक अम्ल से पिक्रेट, प्लैटिनम तथा गोल्ड क्लोराइड के साथ क्रमश: द्विलवण क्लोरोप्लैटिनेट तथा ऑरिक्लोराइड, ऐल्किल हैलाइड के साथ चतुर्थक लवण (विशेषकर त्रितीयक) बनाते हैं।
37.
फ्लोरीन हैलाइड श्रेणी {F (Fluoride), Cl (Chlorine), Br (Bromine), I (Iodine) and At (Astatine)} का तत्व है।
38.
उन अकार्बनिक यौगिक समूह का नाम होता है जिसमें मीथेन, ईथेन इत्यादि जैसे एल्केन्स में एक या अधिक हैलोजन अणु, जैसे क्लोरीन या फ्लोरीन आदि जुड़ कर उनसे कार्बनिक हैलाइड बनाते हैं।
39.
ग्रिगनार्ड अभिक्रिया में एल्किल-या एरिल मैगनिशियम हैलाइड (जिन्हें “ग्रिगनार्ड अभिकर्मक” कहते हैं) न्यूक्लिओफाइट के रूप में काम करते हैं और ध्रुवीय बंधों में मौजूद एलेक्ट्रोफिलिक कार्बन परमाणुओं पर आक्रमण करके कार्बन-कार्बन बंध बनाते हैं।
40.
ग्रिगनार्ड अभिक्रिया में एल्किल-या एरिल मैगनिशियम हैलाइड (जिन्हें “ग्रिगनार्ड अभिकर्मक” कहते हैं) न्यूक्लिओफाइट के रूप में काम करते हैं और ध्रुवीय बंधों में मौजूद एलेक्ट्रोफिलिक कार्बन परमाणुओं पर आक्रमण करके कार्बन-कार्बन बंध बनाते हैं।